लाहौर: भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए यहां उनके आवास को घेरे खड़े पाक रेंजर्स और पुलिसकर्मियों ने बुधवार को पीछे हटना शुरू कर दिया, जिससे खान के समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. सूत्रों के हवाले से 'जियो न्यूज' ने बताया कि पुलिस, पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) आठ क्रिकेट मैच जारी रहने तक खान के जमान पार्क स्थित आवास की ओर नहीं बढ़ेगी, जिसमें विदेशी खिलाड़ी भी खेल रहे हैं.
पुलिस और अन्य सुरक्षा अधिकारियों को जमान पार्क से जाते देखा गया, जिसके बाद खान के समर्थकों ने जश्न मनाया और रेंजर्स का पीछा करते हुए नारे लगाए. इसके तुरंत बाद पाकिस्तान तरहीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान गैस मास्क लगाए अपने आवास से बाहर निकले और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि जमान पार्क में और कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं और पार्टी ने गठबंधन सरकार के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देने का संकल्प लिया.
इससे पहले दिन में प्रशासन ने खान के आवास के बाहर रेंजर्स को तैनात किया था. इससे एक दिन पहले खान के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प में 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे जिसमें 54 पुलिसकर्मी थे. घायलों को लाहौर के अस्पताल में भर्ती किया गया है और पुलिस ने खान के कई समर्थकों को हिरासत में लिया है.
इस हाई प्रोफाइल इलाके में स्थित अपने आवास में बुधवार को खान नजरबंद रहे, वहीं सरकार ने पुलिसकर्मियों की मदद के लिए रेंजर्स को भेजा है, क्योंकि खान को गिरफ्तार करने आई पुलिस की टीम पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प के बाद उन्हें पकड़ने के लिए मशक्कत करती दिखी. पीटीआई कार्यकर्ता और पुलिस के बीच मंगलवार को लाहौर के जमान पार्क इलाके में झड़प हुई.
तोशाखाना मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद इस्लामाबाद पुलिस बख्तरबंद वाहनों के साथ पीटीआई प्रमुख खान को लाहौर स्थित उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी. खान (70) पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले उपहारों को तोशाखाना से कम दाम पर खरीदने और मुनाफे के लिए बेचने के आरोप हैं.
उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया कि 'साफतौर पर गिरफ्तारी का दावा महज नाटक है, क्योंकि असली मंशा तो अपहरण और हत्या करने की है. आंसू गैस और पानी की बौछारों के बाद उन्होंने गोलियां चलाईं. मैंने पिछली शाम एक मुचलके पर दस्तखत किया, लेकिन पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) ने इसे मानने से इनकार कर दिया. उनकी मंशा दुर्भावना भरी है, इसमें कोई संदेह नहीं है.' तोशाखाना मामले में खान की गिरफ्तारी के अदालती आदेश के अनुपालन के लिए उनके आवास पहुंची, पुलिस ने वहां जमा प्रदर्शनकारियों को पीछे खदेड़ा.
हालात बिगड़ने का अंदेशा होने पर खान सहित पीटीआई के विभिन्न नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जमान पार्क में जुटने की अपील की, जहां उन्होंने मानव ढाल का काम किया और खान के आवास और पुलिस के बीच खड़े हो गए. पुलिस कर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और पीटीआई कार्यकर्ता वहीं डटे रहे. खान ने ट्वीट किया कि 'कल सुबह से हमारे कार्यकर्ताओं और नेतृत्व को आंसू गैस, रासायनिक पानी की बौछारों, रबर की गोलियों और पुलिस की गोलियों के हमले का सामना करना पड़ रहा है. अब यहां रेंजर्स हैं और उनके साथ लोगों का सीधा टकराव होगा.'
उन्होंने कहा कि 'तटस्थ होने का दावा करने वाले प्रशासन से मेरा सवाल है कि क्या यही आपकी तटस्थता है कि रेंजर्स का सीधे-सीधे निहत्थे प्रदर्शनकारियों और सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेतृत्व से सामना हो रहा है, क्योंकि उनके नेता के खिलाफ एक अवैध वारंट जारी किया गया है और मामला पहले से ही अदालत में है. बदमाशों की यह सरकार उनके नेता का अपहरण और संभवतः उनकी हत्या करने की कोशिश कर रही है?'
बीबीसी उर्दू के साथ एक साक्षात्कार में खान ने कहा कि ऐसा लगता है कि सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ से किए गए कथित वादे पूरे किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 'मुझे समझ नहीं आ रहा है कि प्रतिष्ठान और सेना प्रमुख पीडीएम सरकार का समर्थन क्यों कर रहे हैं, जबकि यह सरकारी संस्थान (सेना) की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहा है.'
खान ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन सरकार प्रतिष्ठान की बैसाखियों के बिना एक दिन भी नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि 'सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से संपर्क करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है.' पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच 11 घंटे से अधिक समय तक झड़प हुई, जो देर रात तक जारी रही. झड़प में कई पुलिस कर्मियों और पीटीआई कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है.
(पीटीआई-भाषा)