इस्लामाबाद : पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक हालात बिगड़ने के साथ-साथ पत्रकारों पर भी राज्य का आक्रमण तेज होता जा रहा है. शुक्रवार को इस्लामाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने पत्रकार मुहम्मद खालिद जमील को दो दिनों के लिए संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की हिरासत में भेज दिया. जमील के ऊपर देश द्रोह और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया है.
पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार, मामला गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात का है जब खालिद जमील को गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के अनुसार खालिद अपने सोशल मीडिया हैंडल से लोगों को पाकिस्तानी सरकार और उसकी संस्थाओं के बारे में भड़का रहे थे. एफआईए ने जमील पर भड़काऊ खबरों को फैलाने का आरोप लगाया है. एफआईए ने कहा कि आरोपी को सोशल मीडिया/ट्विटर (अब एक्स) पर अत्यधिक डराने वाली सामग्री/ट्वीट साझा और प्रचारित करते हुए पाया गया.
जानकारी के मुताबिक, जमील के खिलाफ एफआईआर में इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम (पेका) की धारा 20 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस धारा के तहत एफआईए उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है जो जान बूझ कर सार्वजनिक रूप से ऐसे किसी भी जानकारी को प्रदर्शित या प्रसारित करता है, जिसके बारे में वह जानता है कि वह झूठी है और जिससे राष्ट्र की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इस धारा के तहत दो साल तक की कैद या दस लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है.
डॉन के मुताबिक, इसके साथ ही जमील के खिलाफ दर्ज एफआईआर में पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाला बयान) का भी जिक्र है. एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी ने जानबूझकर झूठी भ्रामक और आधारहीन जानकारी साझा करके राज्य विरोधी खबरों की गलत व्याख्या की और उन्हें प्रसारित किया. जिससे जनता में भय पैदा होने की भी संभावना है.
एजेंसी ने आगे कहा कि मुहम्मद खालिद जमील सहित आरोपी व्यक्तियों ने राज्य संस्थानों के खिलाफ राज्य विरोधी, उत्तेजक और घृणा फैलाने वाली कहानियों का प्रचार, प्रचार और महिमामंडन किया. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एफआईए ने कथित अपराध में शामिल अन्य व्यक्तियों के बारे में विवरण नहीं दिया है. पत्रकार समुदाय ने खालिद जमील की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने एजेंसी की कार्रवाई पर स्पष्टीकरण मांगा है.
पत्रकार मारिया मेमन ने जमील के मामले में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की त्वरित कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की. मेनन ने अन्य ऑनलाइन उत्पीड़न मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया में एजेंसी की असंगति के बारे में बात की. इस बीच, पत्रकार नुसरत जावेद ने एक्स पर साझा की गई एक पोस्ट में कहा कि अभी खबर मिली है कि खालिद जमिल को एफआईए ने गिरफ्तार कर लिया है. वह आज टीवी में मेरे सहयोगी थे. हमेशा उन्हें असाधारण रूप से नरम और विनम्र पाया. आश्चर्य है कि उन्हें कैसे परेशान किया जा रहा है. सरकार को निश्चित रूप से उनकी गिरफ्तारी पर फिर से विचार करना चाहिए.