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पाकिस्तान सरकार का कर्ज 34 प्रतिशत बढ़कर 58.6 लाख करोड़ रुपये हुआ - पाकिस्तान आर्थिक हालात

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अत्यंत ही खराब है. सरकार का कर्ज अप्रैल के अंत में बढ़कर 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

Pakistan governments debt increased by 34 percent to Rs over 58 lakh crore
पाकिस्तान सरकार का कर्ज 34 प्रतिशत बढ़कर 58.6 लाख करोड़ रुपये हुआ
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Published : Jun 6, 2023, 1:28 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार का कर्ज सालाना आधार पर 34.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ अप्रैल अंत में 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है. देश के केंद्रीय बैंक की हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. समाचार पत्र डॉन में मंगलवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, कर्ज में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

खबर के अनुसार, अप्रैल के अंत में घरेलू कर्ज 36.5 लाख करोड़ रुपये (62.3 प्रतिशत) है जबकि बाहरी कर्ज 22 लाख करोड़ रुपये (37.6 प्रतिशत) है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर बाहरी कर्ज में वृद्धि 49.1 प्रतिशत रही. बाहरी कर्ज में एक महीने पहले भी यही आंकड़ा था.

घरेलू कर्ज में सबसे बड़ी हिस्सेदारी संघीय सरकार के शेयरों की है, जो लगभग 25 लाख करोड़ रुपये के ऋण हैं. घरेलू कर्ज में अन्य बड़े हिस्सेदार लघु-अवधि ऋण (7.2 लाख करोड़ रुपये) और अनिधिक ऋण (2.9 लाख करोड़ रुपये) हैं, जिसमें राष्ट्रीय बचत योजनाओं से उधार ली गई राशि भी शामिल है. संघीय सरकार के शेयरों का कोष पिछले वर्ष से 31.6 प्रतिशत बढ़ गया जबकि लघु-अवधि वाले ऋण की हिस्सेदारी में वृद्धि 29.4 प्रतिशत ही रही.

ये भी भी पढ़ें- Imran Khan Arrested: गिरफ्तारी से पहले इमरान खान ने जारी किया था वीडियो, कहा- 'बेवकूफों के नीचे जीने के बजाय मरने को तैयार'

पाकिस्तान लंबे समय से भुगतान संकट से जूझ रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ एक महीने के आयात का भुगतान करने लायक राशि है. वहीं दूसरी तरफ, रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति के बीच ब्याज दर एक अभूतपूर्व स्तर तक चढ़ गई है। यह देखते हुए घरेलू ऋण चुकाना देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. भारी राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान भारी बाहरी कर्ज, कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है. देश के आंकड़ा ब्यूरो के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति स्तर अप्रैल में एक वर्ष में 36.4 प्रतिशत बढ़ गया। यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार का कर्ज सालाना आधार पर 34.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ अप्रैल अंत में 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है. देश के केंद्रीय बैंक की हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. समाचार पत्र डॉन में मंगलवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, कर्ज में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

खबर के अनुसार, अप्रैल के अंत में घरेलू कर्ज 36.5 लाख करोड़ रुपये (62.3 प्रतिशत) है जबकि बाहरी कर्ज 22 लाख करोड़ रुपये (37.6 प्रतिशत) है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर बाहरी कर्ज में वृद्धि 49.1 प्रतिशत रही. बाहरी कर्ज में एक महीने पहले भी यही आंकड़ा था.

घरेलू कर्ज में सबसे बड़ी हिस्सेदारी संघीय सरकार के शेयरों की है, जो लगभग 25 लाख करोड़ रुपये के ऋण हैं. घरेलू कर्ज में अन्य बड़े हिस्सेदार लघु-अवधि ऋण (7.2 लाख करोड़ रुपये) और अनिधिक ऋण (2.9 लाख करोड़ रुपये) हैं, जिसमें राष्ट्रीय बचत योजनाओं से उधार ली गई राशि भी शामिल है. संघीय सरकार के शेयरों का कोष पिछले वर्ष से 31.6 प्रतिशत बढ़ गया जबकि लघु-अवधि वाले ऋण की हिस्सेदारी में वृद्धि 29.4 प्रतिशत ही रही.

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पाकिस्तान लंबे समय से भुगतान संकट से जूझ रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ एक महीने के आयात का भुगतान करने लायक राशि है. वहीं दूसरी तरफ, रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति के बीच ब्याज दर एक अभूतपूर्व स्तर तक चढ़ गई है। यह देखते हुए घरेलू ऋण चुकाना देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. भारी राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान भारी बाहरी कर्ज, कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है. देश के आंकड़ा ब्यूरो के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति स्तर अप्रैल में एक वर्ष में 36.4 प्रतिशत बढ़ गया। यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है.

(पीटीआई-भाषा)

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