वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच होने वाली बातचीत में यूक्रेन का मुद्दा भी शामिल होगा. व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सामरिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने मंगलवार को वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मोदी और बाइडन शांति शिखर सम्मेलन या शांति प्रस्ताव पर किस स्तर तक बात करेंगे, इस पर अभी मैं कुछ नहीं कह सकता.'
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर हैं. बाइडन दंपती 22 जून को मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. प्रधानमंत्री 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे. किर्बी ने कहा कि यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका तीसरे पक्ष के तौर पर किसी भी देश की भूमिका का स्वागत करता है.
उन्होंने कहा कि जहां तक अन्य राष्ट्रों की भूमिका की बात है, 'तो हम काफी समय से कह रहे हैं कि शांति स्थापित करने में तीसरे पक्ष के तौर पर शामिल किसी भी देश की भूमिका का हम स्वागत करेंगे.' किर्बी ने कहा कि लेकिन इस भूमिका के टिकाऊ और शांति स्थापित करने की दिशा में सफल होने के लिए इसे क्षेत्रीय अखंडता के विचार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के साथ-साथ यूक्रेन की संप्रभुता के लिए 'यूक्रेन के परिप्रेक्ष्य की पूरी समझ और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप...' शुरू करने की जरूरत है.
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किर्बी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच बैठक के दौरान यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा होगी. उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी की इस सप्ताह होने वाली राजकीय यात्रा के दौरान यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठेगा.' किर्बी ने कहा, 'हालांकि, वे (मोदी और बाइडन) किस स्तर तक शांति शिखर सम्मेलन या शांति प्रस्ताव पर बात करेंगे, इस पर अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। इसके लिए हमें उनकी राय का इंतजार करना होगा. मुझे कोई संदेह नहीं है... यूक्रेन में जो हो रहा है, वे इस पर जरूर चर्चा करेंगे.'
पीटीआई-भाषा