तेल अवीव : न्यायिक बदलाव के खिलाफ हजारों इजरायली प्रदर्शनकारी शनिवार को सड़कों पर उतर आए है. रविवार को न्यायिक व्यवस्था में बदलाव की योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन 32वें सप्ताह में प्रवेश कर गया. टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य विरोध प्रदर्शन तेल अवीव हुआ. जिसमें 100,000 से अधिक लोग उपस्थित थे. ताजा विरोध प्रदर्शनों में और अधिक तेजी तब आ गई जब भारी विरोध के बावजूद इजराइल की सरकार ने अपने प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के संकेत दिये.
टाइम्स ऑफ इजराइल ने चैनल 13 के समाचार का हवाला देते हुए कहा कि करीब 150 अन्य स्थानों पर भी रैलियां आयोजित की गईं. तेल अवीव में आयोजित मुख्य रैली में प्रदर्शनकारी कपलान स्क्वायर पर एकत्र हुए. उनमें से सैकड़ों ने पास के नेसेट स्पीकर अमीर ओहाना के घर तक मार्च किया. प्रदर्शनकारी 'हम डरते नहीं हैं' के नारे लगा रहे थे. उनके हाथों में इजरायली झंडे लहरा रहे थे और वे हॉर्न बजा रहे थे. लेकिन आखिरकार पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया. विशेष रूप से, सरकारी मंत्रियों के घरों का घेराव शुरू से ही इन प्रदर्शनों का एक प्रमुख हिस्सा रहा है.
तेल अवीव रैली को संबोधित करने वालों में सेवानिवृत्त जनरल अमीरम लेविन भी शामिल थे. अमीरम ने कहा कि लिकुड मंत्रियों से 'बहादुर बनने' और गठबंधन के न्यायिक ओवरहाल कानून का विरोध करने की अश्रुपूर्ण अपील की. लेविन ने स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर, वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच, न्याय मंत्री यारिव लेविन और कैबिनेट के अन्य रूढ़िवादी सदस्यों का जिक्र करते हुए कहा कि देश को इन लोगों से खतरा है.
तेल अवीव रैली में विपक्ष के नेता यायर लैपिड भी शामिल हुए. उन्होंने ट्वीट किया कि हम आज कपलान में यह कहने आए हैं कि जो सरकार अदालत का पालन नहीं करती है, जो कानून का पालन नहीं करती है, वह एक अवैध सरकार है. इस बीच, इजराइल के प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने तर्कसंगतता कानून को रद्द करने वाले सैद्धांतिक उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करने से इनकार कर दिया है.
(एएनआई)