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Imran Khan urges: इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान को मान्यता देने का आग्रह किया - तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने तालिबान के बारे में कहा कि इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा बनाया जाना चाहिए. उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा को लेकर तालिबान को मुख्यधारा में लाने की वकालत की.

Former Pakistan PM Imran Khan urges international community to recognise Taliban
इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान को मान्यता देने का आग्रह किया
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Published : Mar 27, 2023, 7:20 AM IST

काबुल: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि तालिबान मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करेगा, जिसमें महिलाओं के शिक्षा का अधिकार भी शामिल है, जब तक कि उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर मानवाधिकारों और लड़कियों की शिक्षा से जुड़े मामलों पर चर्चा की जानी चाहिए. इमरान ने कहा कि अगर आप तालिबान को अलग-थलग करते हैं, तो आप उसपर पर क्या प्रभाव डालेंगे ? यदि आप तालिबान को मुख्यधारा में लाते हैं और उसे एक राष्ट्र बनाने देते हैं, तो फिर मानवाधिकारों के बारे में बात करें. अभी, आप इसे अलगाव की ओर से धकेल रहे हैं. उनका पैसा रूका हुआ है, इसलिए वे किसी की क्यों सुनेंगे? एक चैनल को दिए इंटरव्यू के हवाले से यह खबर आई है.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा, 'मेरी सलाह है कि उन्हें शामिल करें, उसे (तालिबान) अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हिस्सेदारी दें ताकि जब आप उसे लड़कियों को शिक्षित करने के लिए कहें, तो वे आपकी बात सुनेंगे, अभी , वे नहीं सुनेंगे.' इमरान खान ने इससे पहले भी तालिबान को मान्यता देने के पक्ष में दलीलें दी हैं. अफगानिस्तान मानवाधिकार संकट से जूझ रहा है. अफगान में लड़कियों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की मांग की जा रही है. इससे पहले 2022 में, इमरान खान, जो उस समय पाकिस्तान के प्रधान मंत्री थे, ने कहा, 'अफगानिस्तान में तालिबान का कोई अन्य विकल्प नहीं है. एक विशेष इंटरव्यू में इमरान खान ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि तालिबान को दुनिया को मान्यता देनी होगी क्योंकि यह लगभग 40 मिलियन अफगानिस्तान में रहने वालों के भविष्य का सवाल है.

ये भी पढ़ें- Taliban diplomat training : तालिबान राजनयिक भारत में लेंगे प्रशिक्षण, विदेश मंत्रालय ने कहा- हमारी नीति में परिवर्तन नहीं

खान ने कहा, 'अफगानिस्तान में चालीस मिलियन लोग देश में चल रही स्थिति के कारण गंभीर संकट में हैं.' उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोगों को यह समझना चाहिए कि तालिबान को नापसंद करना एक बात है, हालांकि, अफगानिस्तान के लोगों के बारे में सोचना दूसरी बात है क्योंकि वे अत्यधिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. इमरान खान ने तालिबान के साथ काम करने को अफ़गानों के लिए एकमात्र विकल्प कहा क्योंकि तालिबान को दूर करने से देश में अराजकता ही फैलेगी. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान की जमी हुई संपत्तियों को वापस लेने और देश के आर्थिक पतन को रोकने के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया.

(एएनआई)

काबुल: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि तालिबान मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करेगा, जिसमें महिलाओं के शिक्षा का अधिकार भी शामिल है, जब तक कि उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर मानवाधिकारों और लड़कियों की शिक्षा से जुड़े मामलों पर चर्चा की जानी चाहिए. इमरान ने कहा कि अगर आप तालिबान को अलग-थलग करते हैं, तो आप उसपर पर क्या प्रभाव डालेंगे ? यदि आप तालिबान को मुख्यधारा में लाते हैं और उसे एक राष्ट्र बनाने देते हैं, तो फिर मानवाधिकारों के बारे में बात करें. अभी, आप इसे अलगाव की ओर से धकेल रहे हैं. उनका पैसा रूका हुआ है, इसलिए वे किसी की क्यों सुनेंगे? एक चैनल को दिए इंटरव्यू के हवाले से यह खबर आई है.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा, 'मेरी सलाह है कि उन्हें शामिल करें, उसे (तालिबान) अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हिस्सेदारी दें ताकि जब आप उसे लड़कियों को शिक्षित करने के लिए कहें, तो वे आपकी बात सुनेंगे, अभी , वे नहीं सुनेंगे.' इमरान खान ने इससे पहले भी तालिबान को मान्यता देने के पक्ष में दलीलें दी हैं. अफगानिस्तान मानवाधिकार संकट से जूझ रहा है. अफगान में लड़कियों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने की मांग की जा रही है. इससे पहले 2022 में, इमरान खान, जो उस समय पाकिस्तान के प्रधान मंत्री थे, ने कहा, 'अफगानिस्तान में तालिबान का कोई अन्य विकल्प नहीं है. एक विशेष इंटरव्यू में इमरान खान ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि तालिबान को दुनिया को मान्यता देनी होगी क्योंकि यह लगभग 40 मिलियन अफगानिस्तान में रहने वालों के भविष्य का सवाल है.

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खान ने कहा, 'अफगानिस्तान में चालीस मिलियन लोग देश में चल रही स्थिति के कारण गंभीर संकट में हैं.' उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोगों को यह समझना चाहिए कि तालिबान को नापसंद करना एक बात है, हालांकि, अफगानिस्तान के लोगों के बारे में सोचना दूसरी बात है क्योंकि वे अत्यधिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. इमरान खान ने तालिबान के साथ काम करने को अफ़गानों के लिए एकमात्र विकल्प कहा क्योंकि तालिबान को दूर करने से देश में अराजकता ही फैलेगी. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान की जमी हुई संपत्तियों को वापस लेने और देश के आर्थिक पतन को रोकने के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया.

(एएनआई)

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