सना: छह साल बाद यमन की राजधानी सना से पहली व्यावसायिक उड़ान रवाना हुई है. अधिकारियों के मुताबिक गृह युद्ध का सामना कर रहे देश में सरकार और विद्रोहियों के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनने के बाद ऐसा संभव हो सका है. यमन की राजधानी सना पर इस समय विद्रोहियों का कब्जा है.
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित मीडिया के मुताबिक यमन एयरवेज का यह विमान सना से जॉर्डन की राजधानी अम्मान जाएगा. विमान में कुल 151 यात्री सवार हैं. इससे पहले यह विमान यात्रियों को लेने के लिए यमन के दक्षिणी बंदरगाह शहर अदन से सना पहुंचा था. हवाई अड्डे पर उतरने के साथ ही विमान को एक औपचारिक जल सलामी दी गयी और उसका स्वागत किया गया. हूती मीडिया कार्यालय ने कहा कि सोमवार को ही अम्मान से वापसी उड़ान आने की भी उम्मीद है.
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के बाद पिछले महीने यमन की अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार और हूती विद्रोहियों के बीच 60 दिन के युद्ध विराम की घोषणा की गयी थी. यमन में पिछले छह वर्षों के बाद पहली बार राष्ट्रव्यापी स्तर पर युद्ध विराम लागू हुआ है. यह युद्ध विराम दो अप्रैल से लागू हुआ था. युद्ध विराम समझौते के तहत सना से जॉर्डन और मिस्र के लिए सप्ताह में दो व्यावसायिक उड़ानों के संचालन को अनुमति दी गयी थी. हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले सना को सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना द्वारा अवरुद्ध किया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यमन की मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन करती है.
सना हवाई अड्डे से व्यावसायिक उड़ानों का संचालन बंद होने के कारण बड़े पैमाने पर आर्थिक और मानवीय दोनों ही स्तर पर नुकसान हुआ है. इसके कारण हजारों लोगों की नौकरी चली गयी और कारोबार को भी भारी नुकसान हुआ. नॉर्वे की शरणार्थी परिषद के मुताबिक यमन में जब हालात सामान्य थे तो उस समय सना हवाई अड्डे से प्रतिदिन करीब छह हजार यात्री सफर करते थे और प्रति वर्ष यह संख्या 20 लाख से अधिक थी.
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