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जापान के टोबा में 6.1 तीव्रता का भूकंप

जापान के टोबा से 84 किमी दक्षिण-पूर्व में आज दोपहर 13:38 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गए.

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Published : Nov 14, 2022, 2:30 PM IST

Updated : Nov 14, 2022, 5:07 PM IST

टोक्यो : जापान के टोबा से 84 किमी दक्षिण-पूर्व में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किये गए. रिक्टर स्केल पर इसकी 6.1 की तीव्रता मापी गई है. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप सोमवार को टोबा, जापान के 84 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व में आया. भूकंप भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 1:38 बजे आया. यूएसजीएस ने अपनी साइट पर अपडेट किया, "रिक्टर स्केल पर 6.1 की तीव्रता वाला भूकंप जापान के टोबा से 84 किमी दक्षिण पूर्व में आज 13:38:26 यूटीसी पर आया."

भूकंप क्यों आते हैं : भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है. इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग भी भूकंप की वजहें होती हैं.

जानें केंद्र और तीव्रता का मतलब : भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है, तो 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है. जैसे-जैसे दूरी बढ़ती जाती है कंपन भी कम होते जाते हैं.

टोक्यो : जापान के टोबा से 84 किमी दक्षिण-पूर्व में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किये गए. रिक्टर स्केल पर इसकी 6.1 की तीव्रता मापी गई है. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप सोमवार को टोबा, जापान के 84 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व में आया. भूकंप भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 1:38 बजे आया. यूएसजीएस ने अपनी साइट पर अपडेट किया, "रिक्टर स्केल पर 6.1 की तीव्रता वाला भूकंप जापान के टोबा से 84 किमी दक्षिण पूर्व में आज 13:38:26 यूटीसी पर आया."

भूकंप क्यों आते हैं : भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है. इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग भी भूकंप की वजहें होती हैं.

जानें केंद्र और तीव्रता का मतलब : भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है, तो 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है. जैसे-जैसे दूरी बढ़ती जाती है कंपन भी कम होते जाते हैं.

Last Updated : Nov 14, 2022, 5:07 PM IST
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