लंदन : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर भारत और कनाडा विवाद पर भारत का पक्ष स्पष्ट किया. उन्होंने कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कनाडाई सरकार को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का सबूत पेश करना चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश करना चाहिए.
-
An interaction @WiltonPark, London with @lionelbarber. https://t.co/f4YssYBNmM
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">An interaction @WiltonPark, London with @lionelbarber. https://t.co/f4YssYBNmM
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023An interaction @WiltonPark, London with @lionelbarber. https://t.co/f4YssYBNmM
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023
बुधवार को पत्रकार लियोनेल बार्बर से बातचीत के दौरान जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसी आरोप के समर्थन में विश्वसनीय साक्ष्य होना चाहिए. यह महत्वपूर्ण है. विदेश मंत्री से पत्रकार ने पूछा कि क्या कनाडा ने हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता का कोई सबूत है. विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई नहीं.
जयशंकर ने ट्रूडो के आरोपों के बारे में कई खुलासे भी किये. उन्होंने कहा कि कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली के साथ इस मामले में बात हुई है. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने कनाडाई सरकार से उनके पास मौजूद कोई भी सबूत साझा करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि भारत निश्चित रूप से जांच में सहयोग करना चाहता है.
-
Delighted to meet UK’s Leader of Opposition @Keir_Starmer in the Parliament.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Value the bipartisan commitment in the United Kingdom towards strengthening our relationship.
Our discussion covered bilateral aspects and shared regional and global interests. pic.twitter.com/q4DFJ32uFg
">Delighted to meet UK’s Leader of Opposition @Keir_Starmer in the Parliament.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023
Value the bipartisan commitment in the United Kingdom towards strengthening our relationship.
Our discussion covered bilateral aspects and shared regional and global interests. pic.twitter.com/q4DFJ32uFgDelighted to meet UK’s Leader of Opposition @Keir_Starmer in the Parliament.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023
Value the bipartisan commitment in the United Kingdom towards strengthening our relationship.
Our discussion covered bilateral aspects and shared regional and global interests. pic.twitter.com/q4DFJ32uFg
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जांच के लिए जरूरी है कि सबूत उपलब्ध कराये जायें. जयशंकर ने कहा अब तक कोई सबूत उपलब्ध नहीं कराया गया है. उन्होंने कहा कि हम फैसला नहीं कर रहे हैं. कनाडा में जांच की जा रही है और वे जो भी सबूत देंगे उसपर गौर करेंगे. उन्होंने अबतक कोई सबूत नहीं दिया है.
-
Pleased to participate in the return to India of the stone idols of Yogini Chamunda and Gomukhi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Appreciate @HCI_London and UK authorities for their efforts in this regard. pic.twitter.com/GnShMfT1NG
">Pleased to participate in the return to India of the stone idols of Yogini Chamunda and Gomukhi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023
Appreciate @HCI_London and UK authorities for their efforts in this regard. pic.twitter.com/GnShMfT1NGPleased to participate in the return to India of the stone idols of Yogini Chamunda and Gomukhi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 15, 2023
Appreciate @HCI_London and UK authorities for their efforts in this regard. pic.twitter.com/GnShMfT1NG
जयशंकर ने कनाडाई राजनीति में खालिस्तान की वकालत करने वाले हिंसक और चरम राजनीतिक विचारों के व्यापक मुद्दे को संबोधित किया. विदेश मंत्री ने कहा कि हम महसूस करते है कि कनाडा राजनीति ने हिंसक और अतिवादी राजनीतिक विचारों को जगह दी है. ये राजनीतिक धारायें जो भारत में हिंसक तरीकों से अलगाववाद की वकालत करते हैं. इन लोगों को कनाडाई राजनीति में जगह मिल रही है.
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि कनाडा में भारतीय उच्चायोग सहित भारतीय राजनयिकों पर हमले हुए और वाणिज्य दूत जनरलों और अन्य राजनयिकों को धमकाया गया. और कनाडाई सरकार ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई.