काठमांडू : कुख्यात अपराधी चार्ल्स शोभराज को 19 साल तक जेल में रहने के बाद शीर्ष अदालत के आदेश पर शुक्रवार को नेपाल के एक कारागार से रिहा कर दिया गया (Charles Sobhraj released from Nepal jail) और उसे फ्रांस निर्वासित किया जाएगा.
भारतीय और वियतनामी माता-पिता के फ्रांसीसी मूल के बेटे शोभराज को यहां केंद्रीय कारागार से रिहा किया गया और यात्रा दस्तावेज से संबंधित प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे आव्रजन अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटि चिंतन ने कहा कि उसे फ्रांस भेजा जाएगा.
यहां खबरों में इस बात की भी पुष्टि की गई कि उसे फ्रांस भेजा जाएगा और बाकी पूरी जिंदगी उसके नेपाल लौटने पर रोक रहेगी. 'ऑनलाइन खबर नेपाल' की एक खबर में एक सूत्र के हवाले से कहा गया कि शोभराज पहले दोहा जाएगा और वहां से कतर एयरवेज की उड़ान से पेरिस रवाना होगा. काठमांडू से दोहा की उड़ान शाम छह बजे काठमांडू हवाईअड्डे से रवाना होगी.
खबर में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि अपने देश भेजे जाने के बाद शोभराज के यहां आने पर आजीवन पाबंदी रहेगी. हालांकि, यह भी खबर है कि उसने दस दिन तक इलाज के लिए गंगालाल अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगाई थी. 2017 में उसकी दिल की सर्जरी हुई थी. उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कारागार प्रबंधन प्राधिकार को कुख्यात हत्यारे को रिहा करने का और आव्रजन के माध्यम से 15 दिन के भीतर फ्रांस निर्वासित करने का निर्देश दिया था, बशर्ते वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हो.
न्यायमूर्ति सपना प्रधान मल्ला और न्यायमूर्ति तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की खंड पीठ ने उसके फ्रांस निर्वासन का बंदोबस्त करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि शोभराज को रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि वह अपनी कारावास की 75 प्रतिशत सजा पूरी कर चुका है.
'बिकनी किलर' नाम से कुख्यात : शोभराज 1975 में नेपाल में अमेरिकी महिला कॉनी जो ब्रोंजिक की हत्या के सिलसिले में 2003 से काठमांडू की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. वह 'बिकनी किलर' नाम से कुख्यात था. उसे 2014 में कनाडाई पर्यटक लॉरेंट कैरियर की हत्या का दोषी ठहराया गया और दूसरी उम्रकैद की सजा सुनाई गई. नेपाल में उम्रकैद की सजा का मतलब 20 साल का कारावास है.
शोभराज ने एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि उसे जरूरत से अधिक समय तक जेल में रखा गया है. इसके बाद शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने आदेश सुनाया. जेल में 75 प्रतिशत सजा पूरी कर चुके और इस दौरान अच्छा चरित्र दर्शाने वाले कैदियों को रिहा करने का कानूनी प्रावधान है.
शोभराज ने अपनी याचिका के माध्यम से दावा किया था कि उसने नेपाल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को देखते हुए जेल की सजा पूरी कर ली है. उसने दावा किया कि वह अपनी 20 साल की सजा में से 19 साल जेल में रह चुका है और अच्छे व्यवहार के लिए उसकी रिहाई की सिफारिश की जा चुकी है.
शोभराज को अगस्त 2003 में काठमांडू के एक कैसिनो में देखा गया था और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. उस पर मुकदमा चलाया गया और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
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(पीटीआई-भाषा)