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नरसंहार माने जाएंगे सिख विरोधी दंगे, कैलिफोर्निया सीनेट में प्रस्ताव पारित - US Congress

कैलिफोर्निया विधानसभा की सदस्य जसमीत कौर बैंस द्वारा पेश सिख विरोधी हिंसा पर प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है. इस प्रस्ताव में बैंस ने सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता देने का अनुरोध किया था.

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Published : Apr 12, 2023, 1:11 PM IST

वाशिंगटन : कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर अमेरिकी कांग्रेस (संसद) से भारत में 1984 में हुई सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता देने और उसकी निंदा करने का अनुरोध किया है. यह प्रस्ताव 22 मार्च को विधानसभा सदस्य जसमीत कौर बैंस द्वारा पेश किया गया था, जो राज्य विधानसभा के पहले निर्वाचित सिख सदस्य हैं. सोमवार को राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से इसे पारित कर दिया गया.

विधानसभा सदस्य कार्लोस विलापुदुआ ने इसका समर्थन किया. विधानसभा में एकमात्र अन्य हिंदू सदस्य ऐश कालरा ने भी इसके पक्ष में मतदान किया. प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका में सिख समुदाय इस दंगे के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आघात से अब तक उबर नहीं पाया है. प्रस्ताव में अमेरिकी कांग्रेस से औपचारिक रूप से नवंबर 1984 की सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार के रूप में मानने और इसकी निंदा करने का आग्रह किया गया है.

पढ़ें : India-US economic partnership: सीतारमण, येलेन ने भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की

अमेरिकी सिख कॉकस कमेटी और अन्य अमेरिकी सिख संस्थाओं के समन्वयक प्रीतपाल सिंह ने एक बयान जारी कर इस प्रस्ताव को पेश करने और पारित करने के लिए कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया. 2015 में कैलिफोर्निया विधानसभा ने भी सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार करार देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था. भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़क उठी.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर अमेरिकी कांग्रेस (संसद) से भारत में 1984 में हुई सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता देने और उसकी निंदा करने का अनुरोध किया है. यह प्रस्ताव 22 मार्च को विधानसभा सदस्य जसमीत कौर बैंस द्वारा पेश किया गया था, जो राज्य विधानसभा के पहले निर्वाचित सिख सदस्य हैं. सोमवार को राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से इसे पारित कर दिया गया.

विधानसभा सदस्य कार्लोस विलापुदुआ ने इसका समर्थन किया. विधानसभा में एकमात्र अन्य हिंदू सदस्य ऐश कालरा ने भी इसके पक्ष में मतदान किया. प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका में सिख समुदाय इस दंगे के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आघात से अब तक उबर नहीं पाया है. प्रस्ताव में अमेरिकी कांग्रेस से औपचारिक रूप से नवंबर 1984 की सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार के रूप में मानने और इसकी निंदा करने का आग्रह किया गया है.

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अमेरिकी सिख कॉकस कमेटी और अन्य अमेरिकी सिख संस्थाओं के समन्वयक प्रीतपाल सिंह ने एक बयान जारी कर इस प्रस्ताव को पेश करने और पारित करने के लिए कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया. 2015 में कैलिफोर्निया विधानसभा ने भी सिख विरोधी हिंसा को नरसंहार करार देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था. भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़क उठी.

(पीटीआई-भाषा)

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