वॉशिंगटन : धुर दक्षिणपंथी ओथ कीपर्स मिलिशिया के चार सदस्यों को सोमवार को डोनाल्ड जे. ट्रंप को उनकी 2020 की चुनावी हार के बाद पद पर बनाए रखने की कोशिश में उनकी भूमिका के लिए देशद्रोही साजिश का दोषी पाया गया. समूह के नेता स्टीवर्ट रोड्स को लगभग दो महीने पहले नवंबर में एक अलग मुकदमे में इसी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था. वाशिंगटन में फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक जूरी ने चार प्रतिवादियों को दो अलग-अलग साजिश के आरोपों में दोषी पाया. प्रतिवादी - रॉबर्टो मिनुटा, जोसेफ हैकेट, डेविड मॉर्शल और एडवर्ड वैलेजो - मूल रूप से श्री रोड्स और समूह के अन्य सदस्यों के साथ आरोपित किए गए थे.
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लेकिन अदालत कक्ष में जगह की कमी के कारण मामले में न्यायाधीश अमित पी. मेहता द्वारा एक अलग कार्यवाही के रूप में उनके मुकदमे को अलग कर दिया गया था. 6 जनवरी, 2021 को, मिनुटा, हैकेट और मॉर्शल कैपिटल के अंदर अपना रास्ता बनाने के लिए समूह में अन्य लोगों में शामिल हो गए, जबकि वैलेजो, जो वर्जीनिया में राइफलों के साथ स्टॉक किए गए एक होटल के कमरे में तैनात थे ने हथियारों की ढुलाई की. जूरी ने तीन दिनों में लगभग 15 घंटे के विचार-विमर्श के बाद निर्णय दिया.
जूरी द्वारा रिचर्ड बार्नेट, एक दंगाई, जिसे स्पीकर नैन्सी पेलोसी के कार्यालय में लेटे हुए फोटो खिंचवाते हुए पाया गया था. ओथ कीपर्स के सदस्यों के पहले मुकदमें में पांच में से दो प्रतिवादी, रोड्स और केली मेग्स को देशद्रोही साजिश का दोषी पाया गया था. यह सबसे गंभीर आरोप था. पहले के मामले में जूरी ने रोड्स को दो अलग-अलग साजिश के आरोपों से बरी कर दिया था. सरकार ने दूसरे मुकदमे में प्रतिवादियों को पहले मामले की तुलना में संगठन की शक्ति पदानुक्रम में कम के रूप में देखा और कहा कि ये शीर्ष समन्वयकों की तुलना में समूह के लिए पैदल सैनिकों के रूप में अधिक कार्यरत थे.
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अभियोजकों ने तर्क दिया था कि दंगे के दिन, हैकेट और मॉर्शल 12 अन्य लोगों के एक समूह में प्रदर्शन में शामिल हुए और हिंसक हमला कर कैपिटल में घुस गये.
6 जनवरी 2021 को हुआ था हमला: गौरतलब है कि 6 जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक घुस गए थे और जमकर उत्पात मचाया था. इस हिंसा के पीछे ट्रंप का हाथ बताया गया था. हिंसा में पांच लोग मारे गए थे जबकि सौ से अधिक घायल हुए थे. ट्रंप पर प्रतिनिधि सभा द्वारा अभूतपूर्व विद्रोह को उकसाने का आरोप लगाया गया था जो उनके महाभियोग का कारण बना.
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