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ब्रिटेन ने इनहेलर से कोविड के उपचार के लिए परीक्षण किया शुरू - इनहेलर से कोविड के उपचार

ब्रिटेन के अस्पतालों में व्यापक स्तर पर इनहेलर आधारित एक परीक्षण शुरू किया गया है. इसके तहत इस्तेमाल किये जाने वाले इनहेलर से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय हो जाती है और मुख्य कोशिकाएं वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाती हैं.

इनहेलर से कोविड के उपचार
इनहेलर से कोविड के उपचार
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Published : Jan 14, 2021, 10:57 AM IST

लंदन : कोविड-19 के मरीजों को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाने के लिए ब्रिटेन के अस्पतालों में व्यापक स्तर पर इनहेलर आधारित एक परीक्षण शुरू किया गया है. इसके तहत इस्तेमाल किये जाने वाले इनहेलर से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय हो जाती है और मुख्य कोशिकाएं वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाती हैं. इस प्रक्रिया के तहत इंटेरोफेरोन बीटा 1ए (एनएनजी0001) नाम के एक प्रोटीन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

सायनेयरजेन एसजी018 परीक्षण करीब 20 देशों में किया जा रहा है और इसके तहत कोविड-19 के ऐसे 610 मरीजों को शामिल किया गया है, जिन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत है. सायनेयरजेन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रिचर्ड मार्सडेन ने कहा, 'सार्स-कोवि-2 (कोविड-19) जैसे जानलेवा विषाणुओं से निपटने के लिए हमें उपचार की जरूरत है. हमने जो उपचार विकसित किये हैं, उस तरह की पद्धति उन मामलों में आवश्यक बने रहेंगे, जिन मरीजों का टीकाकरण नहीं गया हो और उन मामलों में, जिनमें वायरस का स्वरूप बदल कर ऐसा हो गया हो जिस पर टीके का प्रभाव घट गया हो.

पढ़ें : ऑनलाइन बेची जा रही नकली वैक्सीन, स्विस नियामक ने दी चेतावनी

उन्होंने कहा हमारा मानना है कि यह परीक्षण ब्रिटिश वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता साबित हो सकता है और यदि इस पद्धति को उपयुक्त सहयोग मिला तो हमारी दवा वैश्विक संकट को दूर करने में तीव्रता से सहायता करेगी. सायनेयरजेन कंपनी की स्थापना साउथैम्पटन विश्वविद्यालय के प्राध्यापक सर स्टीफन होलगेट और डोना डेवियास तथा राटको जुकानोविक ने की थी. अध्ययन के शुरूआती नतीजों से पता चला है कि यह उपचार अस्पतालों में कोविड के मरीजों के लिए वेंटिलेटर की जरूरत को करीब 80 प्रतिशत तक कम कर देगा. कंपनी ने कहा कि वह इस वक्त दूसरे चरण का परीक्षण कर रही है.

लंदन : कोविड-19 के मरीजों को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाने के लिए ब्रिटेन के अस्पतालों में व्यापक स्तर पर इनहेलर आधारित एक परीक्षण शुरू किया गया है. इसके तहत इस्तेमाल किये जाने वाले इनहेलर से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय हो जाती है और मुख्य कोशिकाएं वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाती हैं. इस प्रक्रिया के तहत इंटेरोफेरोन बीटा 1ए (एनएनजी0001) नाम के एक प्रोटीन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

सायनेयरजेन एसजी018 परीक्षण करीब 20 देशों में किया जा रहा है और इसके तहत कोविड-19 के ऐसे 610 मरीजों को शामिल किया गया है, जिन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत है. सायनेयरजेन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रिचर्ड मार्सडेन ने कहा, 'सार्स-कोवि-2 (कोविड-19) जैसे जानलेवा विषाणुओं से निपटने के लिए हमें उपचार की जरूरत है. हमने जो उपचार विकसित किये हैं, उस तरह की पद्धति उन मामलों में आवश्यक बने रहेंगे, जिन मरीजों का टीकाकरण नहीं गया हो और उन मामलों में, जिनमें वायरस का स्वरूप बदल कर ऐसा हो गया हो जिस पर टीके का प्रभाव घट गया हो.

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उन्होंने कहा हमारा मानना है कि यह परीक्षण ब्रिटिश वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता साबित हो सकता है और यदि इस पद्धति को उपयुक्त सहयोग मिला तो हमारी दवा वैश्विक संकट को दूर करने में तीव्रता से सहायता करेगी. सायनेयरजेन कंपनी की स्थापना साउथैम्पटन विश्वविद्यालय के प्राध्यापक सर स्टीफन होलगेट और डोना डेवियास तथा राटको जुकानोविक ने की थी. अध्ययन के शुरूआती नतीजों से पता चला है कि यह उपचार अस्पतालों में कोविड के मरीजों के लिए वेंटिलेटर की जरूरत को करीब 80 प्रतिशत तक कम कर देगा. कंपनी ने कहा कि वह इस वक्त दूसरे चरण का परीक्षण कर रही है.

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