लंदन : ब्रिटेन की सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने देश के दवा नियामक को औपचारिक तौर पर कहा है कि आकलन करे कि क्या एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वायरस के टीके को इस्तेमाल के लिए अधिकृत किया जा सकता है.
टीके के परीक्षण के प्रारंभिक परिणामों पर उठे सवालों के बीच यह कदम उठाया गया है. कंपनी और विश्वविद्यालय ने बताया कि उनके निष्कर्ष का सबसे उत्साहजनक हिस्सा यह है कि वह डोज की गलतियों के कारण सामने आया है.
ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने कहा कि उन्होंने दवा एवं स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) से कहा है कि तय करे कि क्या टीका कठिन सुरक्षा मानकों को पूरा करता है.
यह दूसरा टीका है जो ब्रिटेन में औपचारिक आकलन के चरण तक पहुंचा है. इससे पहले फाइजर और जर्मनी के इसके सहयोगी बायोएनटेक इस चरण तक पहुंचे थे. अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना का टीका भी इससे बहुत पीछे नहीं है.
ब्रिटेन की सरकार ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका टीके की दस करोड़ डोज का आदेश दिया है और मंजूरी मिलने की स्थिति में दिसंबर से इसका वितरण करने की योजना है.
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नियामक ने कहा कि वह टीके की संभावित मंजूरी के लिए समय सीमा नहीं दे सकता है. एमएचआरए के मुख्य कार्यकारी जून राइन ने कहा कि किसी भी टीके को तब तक ब्रिटेन में आपूर्ति की मंजूरी नहीं दी जाएगी जब तक वह सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभाविता के अपेक्षित मानकों को पूरा नहीं करता है.
ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को कहा कि जिन लोगों को दो खुराक (डोज) दी गई गए उनमें उनका टीका 62 फीसदी प्रभावी रहा और जिन लोगों को एक पूरी डोज देने के बाद आधी डोज दी गयी उनमें यह 90 फीसदी तक प्रभावी रहा.