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तालिबान के हमले से परेशान है नाटो : स्टोल्टेनबर्ग

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Published : Aug 13, 2021, 10:54 PM IST

नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के हमले से सैन्य गठबंधन परेशान है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि तालिबान को यह समझने की ज़रूरत है कि अगर वे देश पर बलपूर्वक कब्जा करते हैं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी.

स्टोल्टेनबर्ग
स्टोल्टेनबर्ग

ब्रसेल्स : नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के हमले से सैन्य गठबंधन परेशान है और वह विद्रोहियों को चेतावनी दे रहा है कि अगर वे देश पर बलपूर्वक कब्जा करते हैं तो उन्हें पश्चिमी देशों द्वारा वैध नहीं माना जाएगा.

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने आज नाटो देशों के राजदूतों के साथ वार्ता की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'सहयोगी तालिबान के हमले के कारण उच्च स्तर की हिंसा की वजह से बेहद चिंतित हैं, जिसमें नागरिकों पर हमले, लक्षित हत्याएं और अन्य गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन की रिपोर्ट शामिल हैं.'

उन्होंने कहा, 'तालिबान को यह समझने की ज़रूरत है कि अगर वे देश पर बलपूर्वक कब्जा करते हैं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी.'

उन्होंने कहा, 'नाटो संघर्ष के राजनीतिक समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.' अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने और अफगानिस्तान में नाटो प्रशिक्षण मिशन को बंद करने के बारे में इस साल की शुरुआत में किये गए बाइडेन प्रशासन के फैसले से तालिबान का मनोबल बढ़ा है. ज्यादातर नाटो सैनिक अफगानिस्तान से पहले ही जा चुके हैं, जबकि शेष सैनिक 31 अगस्त तक चले जाएंगे.

पढ़ें- अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी पर बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है : नाटो प्रमुख

स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि नाटो का उद्देश्य 'अफगान सरकार और सुरक्षा बलों को यथासंभव समर्थन देना है.' उन्होंने कहा कि यह देश के बाहर से होगा. अमेरिका सहित कई राष्ट्र, अफगान राजधानी से दूतावास के कर्मचारियों को कम कर रहे हैं और हटा रहे हैं. स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि 30 देशों के गठबंधन का इरादा 'काबुल में हमारी राजनयिक उपस्थिति बनाए रखना है, और आवश्यकतानुसार समायोजित करना जारी रखना है.'

पढ़ें- अफगान संकट : हिंसा रोकने, शांति प्रक्रिया में तेजी लाने के आह्वान के साथ दोहा वार्ता समाप्त

(पीटीआई-भाषा)

ब्रसेल्स : नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के हमले से सैन्य गठबंधन परेशान है और वह विद्रोहियों को चेतावनी दे रहा है कि अगर वे देश पर बलपूर्वक कब्जा करते हैं तो उन्हें पश्चिमी देशों द्वारा वैध नहीं माना जाएगा.

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने आज नाटो देशों के राजदूतों के साथ वार्ता की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'सहयोगी तालिबान के हमले के कारण उच्च स्तर की हिंसा की वजह से बेहद चिंतित हैं, जिसमें नागरिकों पर हमले, लक्षित हत्याएं और अन्य गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन की रिपोर्ट शामिल हैं.'

उन्होंने कहा, 'तालिबान को यह समझने की ज़रूरत है कि अगर वे देश पर बलपूर्वक कब्जा करते हैं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी.'

उन्होंने कहा, 'नाटो संघर्ष के राजनीतिक समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.' अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने और अफगानिस्तान में नाटो प्रशिक्षण मिशन को बंद करने के बारे में इस साल की शुरुआत में किये गए बाइडेन प्रशासन के फैसले से तालिबान का मनोबल बढ़ा है. ज्यादातर नाटो सैनिक अफगानिस्तान से पहले ही जा चुके हैं, जबकि शेष सैनिक 31 अगस्त तक चले जाएंगे.

पढ़ें- अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी पर बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है : नाटो प्रमुख

स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि नाटो का उद्देश्य 'अफगान सरकार और सुरक्षा बलों को यथासंभव समर्थन देना है.' उन्होंने कहा कि यह देश के बाहर से होगा. अमेरिका सहित कई राष्ट्र, अफगान राजधानी से दूतावास के कर्मचारियों को कम कर रहे हैं और हटा रहे हैं. स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि 30 देशों के गठबंधन का इरादा 'काबुल में हमारी राजनयिक उपस्थिति बनाए रखना है, और आवश्यकतानुसार समायोजित करना जारी रखना है.'

पढ़ें- अफगान संकट : हिंसा रोकने, शांति प्रक्रिया में तेजी लाने के आह्वान के साथ दोहा वार्ता समाप्त

(पीटीआई-भाषा)

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