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सरकार को बचाने की कोशिश में जुटे इटली के प्रधानमंत्री जोसेफ कोंते - सरकार को बचाने की कोशिश में जुटे इटली के प्रधानमंत्री

इटली के प्रधानमंत्री जोसेफ कोंते सोमवार को संसद के निचले सदन में संबोधन के दौरान अपनी सरकार को गिरने से बचाने का अनुरोध करेंगे. जो महामारी से प्रभावित देश की अर्थववस्था को दोबारा पटरी पर लाने की योजनाओं को लेकर सहयोगियों के निशाने पर आ गई है.

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Published : Jan 18, 2021, 10:02 PM IST

रोम : इटली के प्रधानमंत्री जोसेफ कोंते सोमवार को संसद के निचले सदन में संबोधन के दौरान अपनी सरकार को गिरने से बचाने का अनुरोध करेंगे. जो महामारी से प्रभावित देश की अर्थववस्था को दोबारा पटरी पर लाने की योजनाओं को लेकर सहयोगियों के निशाने पर आ गई है. कोंते की सरकार मंत्रिमंडल के सदस्यों के दल बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री मेटियो रेंजी की छोटी लेकिन प्रमुख पार्टी इटालिया वीवा पार्टी में जाने से बाद बहुमत खो चुकी है. कोंते सोमवार को निचले सदन और मंगलवार को सीनेट को संबोधित करेंगे.

दोनों संबोधनों के बाद ध्वनिमत से मतदान होगा. जो बहुमत साबित करने से लिए होने वाले मतदान के समान है. सीनेट में होने वाले मतदान को निर्णायक माना जा रहा है. जहां रेंजी की पार्टी के 18 सदस्य हैं. इटली में साल 2018 में हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. जिसके बाद कोंते ने पांच दलों से साथ गठबंधन बनाकर सरकार का गठन किया. दक्षिणपंथी दलों के इस गठबंधन का नाम 'फाइव स्टार्स' रखा गया. जिसका नेतृत्व लीग पार्टी के नेता मेटियो सेल्विनी कर रहे थे.

यह भी पढ़ें-नवेलनी की गिरफ्तारी से रूस और पश्चिमी देशों में बढ़ा तनाव

देश के गृह मंत्री सेल्विनी के इस्तीफा देने के बाद कोंते की सरकार अल्पमत में आ गई है. कोरोना वायरस महामारी के पहले चरण के दौरान कोंते आसानी से सरकार चला रहे थे, लेकिन बाद में संसद से सलाह-मशविरा किए बगैर फैसले लेने और नीतियां बनाने के लिए उनकी आचोलना होने लगी. इसके बाद कोंतो ने यूरोपीय यूनियन से मिलने वाले कोषों के प्रबंधन की योजना भी खुद ही तैयार कर डाली. उनके इस रवैये को बहुत अधिक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया.

रोम : इटली के प्रधानमंत्री जोसेफ कोंते सोमवार को संसद के निचले सदन में संबोधन के दौरान अपनी सरकार को गिरने से बचाने का अनुरोध करेंगे. जो महामारी से प्रभावित देश की अर्थववस्था को दोबारा पटरी पर लाने की योजनाओं को लेकर सहयोगियों के निशाने पर आ गई है. कोंते की सरकार मंत्रिमंडल के सदस्यों के दल बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री मेटियो रेंजी की छोटी लेकिन प्रमुख पार्टी इटालिया वीवा पार्टी में जाने से बाद बहुमत खो चुकी है. कोंते सोमवार को निचले सदन और मंगलवार को सीनेट को संबोधित करेंगे.

दोनों संबोधनों के बाद ध्वनिमत से मतदान होगा. जो बहुमत साबित करने से लिए होने वाले मतदान के समान है. सीनेट में होने वाले मतदान को निर्णायक माना जा रहा है. जहां रेंजी की पार्टी के 18 सदस्य हैं. इटली में साल 2018 में हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. जिसके बाद कोंते ने पांच दलों से साथ गठबंधन बनाकर सरकार का गठन किया. दक्षिणपंथी दलों के इस गठबंधन का नाम 'फाइव स्टार्स' रखा गया. जिसका नेतृत्व लीग पार्टी के नेता मेटियो सेल्विनी कर रहे थे.

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देश के गृह मंत्री सेल्विनी के इस्तीफा देने के बाद कोंते की सरकार अल्पमत में आ गई है. कोरोना वायरस महामारी के पहले चरण के दौरान कोंते आसानी से सरकार चला रहे थे, लेकिन बाद में संसद से सलाह-मशविरा किए बगैर फैसले लेने और नीतियां बनाने के लिए उनकी आचोलना होने लगी. इसके बाद कोंतो ने यूरोपीय यूनियन से मिलने वाले कोषों के प्रबंधन की योजना भी खुद ही तैयार कर डाली. उनके इस रवैये को बहुत अधिक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया.

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