ब्रुसेल्स: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के महासचिव जेन्स स्टॉल्टेनबर्ग का कहना है कि सैन्य संगठन यूक्रेन में 'उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र' को लागू नहीं कराएगा, क्योंकि इस तरह के कदम से यूरोप की परमाणु हथियारों से लैस रूस के साथ व्यापक जंग भड़क जाएगी. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और नाटो के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद स्टॉल्टेनबर्ग ने यूक्रेन की पीड़ा को स्वीकार करते हुए कहा कि रूस की फौज ने यूक्रेन में हमले तेज़ कर दिए हैं और वे शहरों तथा अन्य स्थलों पर भारी बमबारी कर रहे हैं जिससे 10 लाख से अधिक लोग देश छोड़ने को मजबूर हुए हैं.
उन्होंने कहा, 'यूक्रेन में जो हो रहा है, वह भयावह और दर्दनाक है. हम जिस स्तर पर मानव पीड़ा और तबाही देख रहे हैं, वह हमने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में नहीं देखी है.' इसके साथ ही स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि, 'हम न यूक्रेन के जमीनी क्षेत्र में जा रहे हैं और न ही यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में. नाटो की सुरक्षा गारंटी 30 सदस्य देशों को लेकर है और संधि का अनुच्छेद पांच कहता है कि अगर किसी एक सदस्य देश पर हमला होता है तो सारे सदस्य उसकी रक्षा के लिए आगे आएंगे. अगर रूस, नाटो का कोई जंगी जहाज़ मार गिरा दे तो यह स्थिति आ सकती है.
नाटो महासचिव ने कहा कि, यूक्रेन को उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र लागू करने का सिर्फ एक तरीका है कि नाटो, यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भेजे और रूस के विमानों को मार गिराकर उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र लागू करे. उन्होंने कहा, सहयोगी देशों का मानना है की अगर हम यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान भेजते हैं तो इससे यूरोप में व्यापक स्तर पर युद्ध छिड़ जाएगा. बता दें की यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से अपील की थी कि वे उनके देश में उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र लागू कराएं. उनकी यह अपील, यूक्रेन के परमाणु संयंत्र में रात में लगी आग के बाद की गई है.
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बता दें कि यह परमाणु संयंत्र यूरोप में सबसे बड़ा संयंत्र है. स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा, हम इस संघर्ष का हिस्सा नहीं हैं और हमारी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि यह युद्ध न बढ़े और यूक्रेन से आगे न जाए. अगर ऐसा होता है तो यह अधिक विनाशकारी और खतरनाक होगा.
(पीटीआई-भाषा)