लंदन : अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से कई देशों के लोगों को आक्रोशित देखा जा रहा है. ताजा घटनाक्रम लंदन का है. ब्लैक लाइव्स मैटर के तहत रंगभेद के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान 113 से भी ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. वहीं 23 पुलिस अधिकारी घायल भी हुए.
ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएलएम) आंदोलन ने शनिवार को एक प्रदर्शन रोक दिया, जब फुटबॉल प्रशंसकों के संघों ने कहा कि प्रतिमाओं और पुलिस अधिकारियों को बर्बरता से बचाने के लिए वह राजधानी आएंगे, जिसके बाद फुटबॉल प्रशंसक और दक्षिणपंथी कट्टरपंथी लंदन की सड़कों पर चले गए.
बीएलएम समर्थकों ने एक छोटी रैली भी की. कुछ दक्षिणपंथी कट्टरपंथी पुलिस से भिड़ गए और प्रदर्शनों के दौरान अधिकारियों पर बोतलें फेंक दीं. बीएलएम का विरोध खत्म होने के बाद भी टकराव जारी रहा.
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एक 28 वर्षीय व्यक्ति पर पुलिस को सार्वजनिक शांति भंग करने का संदेह है. पुलिस को संदेह है कि यह व्यक्ति उनमें से एक है, जो कीथ पामर के मेमोरियल के पास पेशाब करते नजर आए.
बता दें कीथ पामर एक कानून प्रवर्तन अधिकारी थे, जो 2017 में लंदन आतंकी हमलों के दौरान मारे गए थे.
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इससे पहले लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए कहा था कि प्रदर्शन के चलते 100 से ज्यादा लोगों गिरफ्तार किया गया है. इस कड़ी में हमारे 26 अधिकारी भी घायल हो गए.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इन लोगों की गिरफ्तारी अशांति, हिंसा, अधिकारियों पर हमला, ड्रग्स और अन्य नशे करने के आरोप में की थी.
गौरतलब है कि यूरोपीय देशों में पुलिस की बर्बरता और नस्लवाद के खिलाफ शनिवार को हजारों लोगों ने रैलियां निकाली. विरोध के दौरान दूर-दराज के लोग भी प्रदर्शन में शामिल हुए. पुलिस के मुताबिक, इस दौरान उन पर हमले भी किए गए.
वहीं यूके की गृह सचिव प्रीति पटेल ने कोरोना वायरस खतरे के बीच नागरिकों से विरोध न करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, 'ठीक है मुझे लगता है कि यह केवल तथ्यों को बताया जा रहा है. हम सभी स्वास्थ्य आपातकाल से गुजर रहे हैं. मुझे लगता है कि इस दौरान विरोध नहीं किया जाना चाहिए.'
गौरतलब है कि अमेरिका में पुलिस हिरासत में अफ्रीकी अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शनकारी दुनियाभर में उभरे हैं. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद दुनियाभर में नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन जारी हैं.