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गुओनी जॉनसन फिर चुने गए आइसलैंड के राष्ट्रपति - आइसलैंड में कोरोना वायरस

गुओनी जॉनसन फिर एक बार आइसलैंड के राष्ट्रपति चुने गए हैं. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में 91 फीसदी मतों के साथ बड़ी जीत हासिल की.

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एकतरफा जीत के बाद गुओनी जॉनसन फिर बने आइसलैंड के राष्ट्रपति
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Published : Jun 29, 2020, 9:59 AM IST

रेक्जाविक : आइसलैंड के राष्ट्रपति गुओनी जॉनसन (Guoni Johannesson) ने अपने दक्षिणपंथी प्रतिद्वंदी गुदमुंदुर फ्रैंकलिन जोंसन (Gudmundur Franklin Jonsson) को मात देते हुए राष्ट्रपति चुनाव में 91 फीसदी मतों के साथ बड़ी जीत हासिल की.

स्थानीय मीडिया के अनुसार, ओपिनियन पोल में दावा किया गया था कि दक्षिणपंथी उम्मीदवार फ्रैंकलिन जोंसन को देश के मतदाताओं का समर्थन मिलने की बहुत कम उम्मीद है.

राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के बाद गुओनी जॉनसन ने कहा, 'इस चुनाव का परिणाम मेरे लिए इस तथ्य का प्रमाण है कि आइसलैंड के लोगों ने मेरे पिछले कार्यालय के कार्यों पर मुहर लगाई.'

इससे पहले आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक के पोलिंग बूथ पर मतदान करने पहुंचे जॉनसन ने कहा था, 'अगर मुझे देशवासियों का समर्थन मिलता है तो मैं उसी रास्ते पर चलूंगा.'

वहीं, फ्रैंकलिन जोंसन ने हार को स्वीकार करते हुए कहा, 'मैं गुओनी और उनके परिवार को बधाई देता हूं.'

गौरतलब है कि 1944 में आइसलैंड की आजादी के बाद 2016 में देश के सबसे युवा राष्ट्रपति बनने वाले जॉनसन को पहले कार्यकाल में भी भारी समर्थन मिला था.

बता दें कि आइसलैंड में कोरोना संक्रमण के मामले दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम हैं, जिसके चलते महामारी के दौर में भी देश में मतदान के प्रभावित होने की कोई उम्मीद नहीं जताई गई थी.

गौरतलब है कि आइसलैंड में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 1,838 है, वहीं मौतों का आंकड़ा मात्र 10 है. वर्तमान समय में देश में एक्टिव मामलों की संख्या 12 है.

बता दें कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद आइसलैंड दूसरा ऐसा यूरोपीय देश है, जहां चुनाव संपन्न हुए.

रेक्जाविक : आइसलैंड के राष्ट्रपति गुओनी जॉनसन (Guoni Johannesson) ने अपने दक्षिणपंथी प्रतिद्वंदी गुदमुंदुर फ्रैंकलिन जोंसन (Gudmundur Franklin Jonsson) को मात देते हुए राष्ट्रपति चुनाव में 91 फीसदी मतों के साथ बड़ी जीत हासिल की.

स्थानीय मीडिया के अनुसार, ओपिनियन पोल में दावा किया गया था कि दक्षिणपंथी उम्मीदवार फ्रैंकलिन जोंसन को देश के मतदाताओं का समर्थन मिलने की बहुत कम उम्मीद है.

राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के बाद गुओनी जॉनसन ने कहा, 'इस चुनाव का परिणाम मेरे लिए इस तथ्य का प्रमाण है कि आइसलैंड के लोगों ने मेरे पिछले कार्यालय के कार्यों पर मुहर लगाई.'

इससे पहले आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक के पोलिंग बूथ पर मतदान करने पहुंचे जॉनसन ने कहा था, 'अगर मुझे देशवासियों का समर्थन मिलता है तो मैं उसी रास्ते पर चलूंगा.'

वहीं, फ्रैंकलिन जोंसन ने हार को स्वीकार करते हुए कहा, 'मैं गुओनी और उनके परिवार को बधाई देता हूं.'

गौरतलब है कि 1944 में आइसलैंड की आजादी के बाद 2016 में देश के सबसे युवा राष्ट्रपति बनने वाले जॉनसन को पहले कार्यकाल में भी भारी समर्थन मिला था.

बता दें कि आइसलैंड में कोरोना संक्रमण के मामले दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम हैं, जिसके चलते महामारी के दौर में भी देश में मतदान के प्रभावित होने की कोई उम्मीद नहीं जताई गई थी.

गौरतलब है कि आइसलैंड में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 1,838 है, वहीं मौतों का आंकड़ा मात्र 10 है. वर्तमान समय में देश में एक्टिव मामलों की संख्या 12 है.

बता दें कि लॉकडाउन हटाए जाने के बाद आइसलैंड दूसरा ऐसा यूरोपीय देश है, जहां चुनाव संपन्न हुए.

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