ग्लासगो : स्कॉटलैंड के ग्लासगो में अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 'सीओपी-26' में शामिल होने के लिए विश्व के नेताओं के पहुंचने के बीच यहां के सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गये हैं.
अपनी यूनियन और नगर परिषद के बीच वेतन पर बातचीत विफल रहने के बाद ग्लासगो में कचरा उठाने वाले कर्मियों और सड़क सफाईकर्मियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया.
जीएमबी यूनियन ने कहा कि हड़ताल 12 दिवसीय संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पहले पूरे सप्ताह तक चलने की संभावना है. हजारों राजनयिकों, शोधकर्ताओं और पत्रकारों के साथ विश्व के 120 से अधिक नेता ग्लासगो आ रहे हैं.
इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने सीओपी- 26 जलवायु सम्मेलन में भाग लेने के लिए ग्लासगो की यात्रा नहीं करने का फैसला किया.
सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु ने अपनी खबर में बताया कि एर्दोआन का विमान सोमवार तड़के इस्तांबुल में उतरा. राष्ट्रपति कार्यालय ने योजनाओं में बदलाव के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया. तुर्की मीडिया की खबरों में हालांकि कहा गया है कि तुर्की के राष्ट्रपति ने सुरक्षा चिंताओं को लेकर ग्लासगो की अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया है.
एर्दोआन ने रोम से इस्तांबुल लौटने के बाद संवाददाताओं से कहा, सुरक्षा प्रोटोकॉल मानक थे, जिनका हमने अनुरोध किया था. ये प्रोटोकॉल मानक थे जो हमारी सभी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर हमेशा हमारे लिए लागू होते थे। हालांकि, हमें आखिरी समय में बताया गया था कि इन मानकों को पूरा नहीं किया जा सकता है.
डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सेन का कहना है कि देश और कई अन्य, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन शामिल हैं, एक जलवायु-तटस्थ 2050 लक्ष्य के साथ-साथ 2030 और 2040 में महत्वाकांक्षी मध्यस्थ लक्ष्यों को अपनाकर जलवायु कार्रवाई की दिशा में योगदान देने का आह्वान कर रहे हैं.
स्कॉटलैंड के ग्लासगो में होने वाले अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन 'सीओपी26' में वैश्विक तापमान को सीमित करने के उपायों पर सहमति बनाये जाने की संभावना के बीच यहां दुनिया के नेताओं का स्वागत किया जा रहा है.
पढ़ें : ग्लास्गो जलवायु सम्मेलन में बोरिस जॉनसन ने कहा- 'दुनिया विनाश की कगार पर'
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सोमवार की सुबह नेताओं का स्वागत किया. इस 12 दिवसीय शिखर सम्मेलन के पहले दो दिनों के लिए 120 से अधिक नेता ग्लासगो आ रहे हैं.
जॉनसन ने सम्मेलन की पूर्व संध्या पर एक कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि पूर्व-औद्योगिक काल से वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 डिग्री फारेनहाइट) तक सीमित रखने के लक्ष्य को बनाये रखने का यह आखिरी मौका है. उन्होंने कहा, अगर ग्लासगो में कुछ भी हासिल नहीं हो पाया तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी.
(एपी)