वेटिकन सिटी: पेरिस का ऐतिहासिक गिरजाघर नोट्रे-डेम कैथेड्रल सोमवार को भयानक आग की चपेट में आ गया. हालांकि मुख्य ढांचे को बचा लिया गया है लेकिन आगजनी से ऐतिहासिक इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और सदियों की विरासत खाक हो गई. दमकल विभाग के करीब 500 कर्मियों ने काफी मशक्कत की और वे काफी नुकसान के बावजूद आगे के टावर बचाने में कामयाब रहे.
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए नोट्रे-डेम का फिर निर्माण कराने का संकल्प लिया है. आग में सबसे पहले यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित 800 साल पुरानी छत तबाह हुई, और शानदार गॉथिक मीनार वहां मौजूद लोगों के सामने ढह गई.
मौके पर पहुंचे उप गृहमंत्री
आग ऐसे समय में लगी है जब गिरजाघर में ईस्टर की तैयारियां की जा रही थीं. आग इतनी भयावह थी कि इसकी लपटे आसमान तक उठ रही थी, जिसे वहां मौजूद पर्यटक देख सन्न रह गए. उप गृहमंत्री लॉरेंट नुनेज मौके पर पहुंचे और बेहद सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए उन्होंने बताया कि इतनी देर में पहली बार आग की लपटे थोड़ी कम हुई हैं.
हेलीकॉप्टर से भी डाला पानी
कैथेड्रल में आग स्थानीय समयानुसार शाम 6:30 बजे भड़की. कुछ ही मिनटों में इमारत की छत इसकी चपेट में आ गई. इससे लकड़ी का बना पूरा शिखर तबाह हो गया. आग की लपटें इतनी तेज थीं कि पूरे शहर से दिख रही थीं. आग बुझाने के लिए करीब 500 दमकलकर्मी लगाए गए. कैथेड्रल पर हेलीकॉप्टर से भी पानी डाला गया. करीब चार घंटे बाद दमकल प्रमुख जॉन क्लॉड गाले ने बताया कि मुख्य इमारत को तबाही से बचा लिया गया है.
हर साल 1.2 करोड़ आते हैं इसे देखने
नोट्रे डेम का निर्माण 1160 से शुरू हुआ था, जो कि 1260 तक चला। फ्रेंच गॉथिक आर्किटेक्ट का यह नायाब नमूना 69 मीटर ऊंचा है. इसके शिखर तक पहुंचने के लिए 387 सीढि़यां चढ़नी पड़ती है. यहां नेपोलियन बोनापार्ट का राज्याभिषेक किया गया था. हर साल इसे देखने 1.2 करोड़ लोग आते हैं.