लंदन : दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है और ऐसा व्यक्ति यदि कोरोना वायरस की चपेट में आता है तो उसके गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा अपेक्षाकृत अधिक है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है.
इस अध्ययन की मदद से उन लोगों को कोविड-19 से बचाने संबंधी रणनीतियां बनाने में मदद मिल सकती है, जिन्हें संक्रमण का अधिक खतरा है.
पत्रिका 'द लांसेट ग्लोबल हेल्थ' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया की 1.7 अरब आबादी यानी विश्व में 22 प्रतिशत लोग लंबे समय से किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. इसके कारण उनके कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा अधिक है.
अनुसंधानकर्ताओं के इस दल में ब्रिटेन के 'लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन' के अनुसंधानकर्ता भी शामिल हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों को गंभीर संक्रमण का खतरा अधिक है, उनमें सर्वाधिक लोग उन देशों के हैं, जहां बुजुर्गों की आबादी अधिक है. इनमें उन अफ्रीकी देशों के लोग भी बड़ी संख्या में हैं, जहां एड्स/एचआईवी के मरीज अधिक है. इसके अलावा उन छोटे द्वीपीय देशों में भी बड़ी संख्या में लोगों के गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा है, जहां मधुमेह के मरीज अधिक हैं.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों पर गंभीर संक्रमण का अधिक खतरा है, उनमें गुर्दे की गंभीर बीमारी, मधुमेह, हृदय संबंधी बीमारी और श्वास संबंधी गंभीर बीमारी से मरीज शामिल हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि दुनिया में हर पांचवां व्यक्ति किसी पुरानी गंभीर बीमारी से ग्रसित है और ऐसा व्यक्ति को यदि कोरोना वायरस संक्रमण होता है तो उस पर गंभीर रूप से संक्रमित होने का खतरा अधिक है.
हालांकि उन्होंने कहा कि खतरे की दर उम्र के आधार पर अलग-अलग है.
अमेरिका के 'जॉन्स हॉपकिन्स कोरोना वायरस संसाधन केंद्र' के मुताबिक, दुनिया भर में 88,00,000 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जबकि 4,35,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.