जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेडोस अधानोम घेब्रियेसस ने कहा कि, कोरोना वायरस महामारी दो साल के अंदर खत्म हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को जिनेवा से एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि, 1918 के स्पैनिश फ्लू को दूर होने में दो साल लग गए थे, लेकिन तकनीक में प्रगति कर चुकी वर्तमान दुनिया कोविड -19 महामारी को 'कम समय में' रोक सकती है.
उन्होंने कहा कि, 'अधिक संपर्क के साथ बेशक वायरस को फैलने का एक बेहतर मौका मिला है.' उन्होंने राष्ट्रीय एकता, वैश्विक एकजुटता के महत्व पर बल देते हुए आगे कहा, 'लेकिन साथ ही, हमारे पास इसे रोकने की तकनीक भी है और इसे रोकने के लिए ज्ञान भी.'
'भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं किया जा सकता'
ट्रेडोस ने संबोधन के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) से जुड़े भ्रष्टाचार के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए इसे अपराध बताया. उन्होंने कहा कि, 'किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं किया जा सकता है.'
पीपीई से संबंधित भ्रष्टाचार
रिपोर्ट में बताया गया कि, पीपीई से संबंधित भ्रष्टाचार, मेरे लिए यह अपराध वास्तव में हत्या जितना जघन्य है, क्योंकि अगर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पीपीई के बिना काम करते हैं, तो हम अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं. यह उन लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल देता है, जो वे सेवा करते हैं.
महामारी ने जलवायु परिवर्तन पर प्रतिक्रिया
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेडोस ने यह भी कहा कि महामारी ने जलवायु परिवर्तन पर प्रतिक्रिया के प्रयासों में तेजी लाने की नई प्रेरणा दी है. उन्होंने आगे कहा कि, 'इतिहास पर गौर किया जाए तो पाएंगे कि प्रकोप और महामारी अर्थव्यवस्था के साथ ही समाज में परिवर्तन के कारण बने हैं, यह भी वैसा ही है, उनसे अलग नहीं.'
'बेहतर हरियाली भरे माहौल में वापस लौट सकते हैं'
उन्होंने कहा कि, 'हम देख सकते हैं कि इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट ने हमें अपनी दुनिया की एक झलक दी है कि हमारा आसमान और नदियां भी स्वच्छ हो सकती हैं और हम बेहतर हरियाली भरे माहौल में वापस लौट सकते हैं.'
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'बच्चों को बेहतर दुनिया विरासत में दें'
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने दोहराया कि 'कोविड19 एक सदी में एक बार आने वाला स्वास्थ्य संकट है. लेकिन यह भी सच है कि यह हमें सदी में बस एक बार मौका देता है कि हम अपने बच्चों को बेहतर दुनिया विरासत में दें, एक ऐसी दुनिया जिसकी कामना सब करते हैं.'