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britain partygate : इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद बन सकते हैं ब्रिटेन के पीएम, दौड़ में सबसे आगे

ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन के इस्तीफे की मांग (demand of johnson resignation) जोर पकड़ रही है. इस राजनीतिक संकट को ब्रिटेन का पार्टीगेट संकट (britain partygate allegations) बताया जा रहा है. इसी बीच प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय मूल के ऋषि सुनक का नाम सबसे आगे (Rishi Sunak frontrunner) बताया जा रहा है. ऋषि सुनक ब्रिटेन के वित्त मंत्री हैं. बता दें कि सुनक का विवाह इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुआ था और दंपती की दो बेटियां हैं जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं.

Rishi Sunak
ऋषि सुनक
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Published : Jan 14, 2022, 9:15 PM IST

Updated : Jan 15, 2022, 6:10 AM IST

लंदन : बोरिस जॉनसन का 'पार्टीगेट' संकट (britain partygate allegations) बढ़ता दिख रहा है. कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. ब्रिटेन के पार्टीगेट संकट के बीच पीएम का पदभार संभालने के लिए एक नाम सबसे आगे चल रहा है. यह नाम कोई और नहीं, बल्कि लंदन के डाउनिंग स्ट्रीट में जॉनसन के पड़ोस में रहने वाले ऋषि सुनक का है. भारतीय मूल के सुनक ब्रिटेन के वित्त मंत्री हैं.

जॉनसन के समर्थन में सुनक
सुनक का जन्म ब्रिटेन में हुआ था. उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में कार्यरत हैं. सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक हैं. यार्कशायर के रिचमोंड से सांसद सुनक (UK Chancellor Rishi Sunak) 2015 में पहली बार ब्रिटिश संसद पहुंचे थे और 'ब्रेक्जिट' का पुरजोर समर्थक कर टोरी पार्टी में अपनी एक जगह बना ली. उन्होंने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने की जॉनसन की रणनीति का समर्थन किया था.

ब्रिटिश मंत्रिमंडल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद
सुनक ने ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह के दौरान कहा था, 'अपनी मां की छोटी सी दवा की दुकान में काम करने से लेकर बड़े कारोबार खड़े करने के अपने अनुभव में मैंने देखा कि हमें किस तरह से स्वतंत्र उद्यम और नवाचार का समर्थन कर ब्रिटेन का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करना चाहिए.' उन्होंने एक अरब पाउंड की वैश्विक निवेश फर्म की सह-स्थापना की और राजनीति में प्रवेश करने से पहले छोटे ब्रिटिश कारोबारों में निवेश करने में विशेषज्ञता हासिल की. सुनक ने फरवरी 2020 में उस वक्त इतिहास रच दिया, जब ब्रिटिश मंत्रिमंडल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद पर उन्हें नियुक्त किया गया.

सुनक ने पीएम पोस्ट को बताया कठिन जिम्मेदारी
यदि टोरी पार्टी के अंदर चल रही चर्चा और सट्टेबाजों के दावे सही साबित हुए तो 41 वर्षीय सुनक ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रथम प्रधानमंत्री बन कर एक और इतिहास रच देंगे. उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2020 में जब उनसे सवाल किया गया था कि क्या प्रधानमंत्री पद की उन्हें महत्वाकांक्षाएं हैं, सुनक ने कहा था, 'नहीं, बिल्कुल नहीं. प्रधानमंत्री के कार्यों को देखकर लगता है कि यह मेरे लिए एक बहुत कठिन जिम्मेदारी होगी.'

यह भी पढ़ें- ब्रिटेन में बुनियादी ढांचे के लिए ऋषि सुनक ने बनाई नए निवेश बैंक की योजना

जॉनसन पर पार्टी की ओर से इस्तीफा देने का दबाव
हालांकि, तब से टेम्स (नदी) में काफी पानी बह गया है, वह कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की आर्थिक मोर्चे पर लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि मई 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट में हुई ड्रिंक पार्टी को लेकर हुए खुलासों के मद्देनजर 57 वर्षीय जॉनसन पर न केवल विपक्षी दलों, बल्कि उनकी खुद की पार्टी की ओर से भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है. दरअसल, उस समय देश में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक समारोह आयोजित करने पर पाबंदी लगी हुई थी.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : बोरिस जॉनसन का 'पार्टीगेट' संकट (britain partygate allegations) बढ़ता दिख रहा है. कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है. ब्रिटेन के पार्टीगेट संकट के बीच पीएम का पदभार संभालने के लिए एक नाम सबसे आगे चल रहा है. यह नाम कोई और नहीं, बल्कि लंदन के डाउनिंग स्ट्रीट में जॉनसन के पड़ोस में रहने वाले ऋषि सुनक का है. भारतीय मूल के सुनक ब्रिटेन के वित्त मंत्री हैं.

जॉनसन के समर्थन में सुनक
सुनक का जन्म ब्रिटेन में हुआ था. उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में कार्यरत हैं. सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक हैं. यार्कशायर के रिचमोंड से सांसद सुनक (UK Chancellor Rishi Sunak) 2015 में पहली बार ब्रिटिश संसद पहुंचे थे और 'ब्रेक्जिट' का पुरजोर समर्थक कर टोरी पार्टी में अपनी एक जगह बना ली. उन्होंने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने की जॉनसन की रणनीति का समर्थन किया था.

ब्रिटिश मंत्रिमंडल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद
सुनक ने ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह के दौरान कहा था, 'अपनी मां की छोटी सी दवा की दुकान में काम करने से लेकर बड़े कारोबार खड़े करने के अपने अनुभव में मैंने देखा कि हमें किस तरह से स्वतंत्र उद्यम और नवाचार का समर्थन कर ब्रिटेन का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करना चाहिए.' उन्होंने एक अरब पाउंड की वैश्विक निवेश फर्म की सह-स्थापना की और राजनीति में प्रवेश करने से पहले छोटे ब्रिटिश कारोबारों में निवेश करने में विशेषज्ञता हासिल की. सुनक ने फरवरी 2020 में उस वक्त इतिहास रच दिया, जब ब्रिटिश मंत्रिमंडल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद पर उन्हें नियुक्त किया गया.

सुनक ने पीएम पोस्ट को बताया कठिन जिम्मेदारी
यदि टोरी पार्टी के अंदर चल रही चर्चा और सट्टेबाजों के दावे सही साबित हुए तो 41 वर्षीय सुनक ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रथम प्रधानमंत्री बन कर एक और इतिहास रच देंगे. उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2020 में जब उनसे सवाल किया गया था कि क्या प्रधानमंत्री पद की उन्हें महत्वाकांक्षाएं हैं, सुनक ने कहा था, 'नहीं, बिल्कुल नहीं. प्रधानमंत्री के कार्यों को देखकर लगता है कि यह मेरे लिए एक बहुत कठिन जिम्मेदारी होगी.'

यह भी पढ़ें- ब्रिटेन में बुनियादी ढांचे के लिए ऋषि सुनक ने बनाई नए निवेश बैंक की योजना

जॉनसन पर पार्टी की ओर से इस्तीफा देने का दबाव
हालांकि, तब से टेम्स (नदी) में काफी पानी बह गया है, वह कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की आर्थिक मोर्चे पर लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि मई 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट में हुई ड्रिंक पार्टी को लेकर हुए खुलासों के मद्देनजर 57 वर्षीय जॉनसन पर न केवल विपक्षी दलों, बल्कि उनकी खुद की पार्टी की ओर से भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है. दरअसल, उस समय देश में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक समारोह आयोजित करने पर पाबंदी लगी हुई थी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jan 15, 2022, 6:10 AM IST
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