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कोरोना से लड़ने के लिए भारतीय मूल के डॉक्टर की किताब का विमोचन

ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक डॉक्टर की नयी पुस्तक 'द 21-डे इम्यूनिटी प्लान' का विमोचन हुआ जिसमें स्वास्थ्य मापदंडों में सुधार में मदद के लिए आजमाए और परखे गए तरीकों को शामिल किया गया है.

डॉ असीम मल्होत्रा
डॉ असीम मल्होत्रा
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Published : Aug 27, 2020, 10:23 PM IST

लंदन : ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक डॉक्टर की नयी पुस्तक का गुरुवार को विमोचन हुआ जिसमें स्वास्थ्य मापदंडों में सुधार में मदद के लिए 'सरल व साक्ष्य-आधारित' योजना का वर्णन किया गया है.

डॉ असीम मल्होत्रा कोविड-19 के गंभीर प्रभावों का मुकाबला करने के लिए मोटापे के खिलाफ अभियान में आगे रहे हैं.

मल्होत्रा की 'द 21-डे इम्यूनिटी प्लान' में आजमाए और परखे गए तरीकों को शामिल किया गया है कि कैसे सिर्फ 21 दिनों में लोग जोखिम की आशंका को रोक सकते हैं. इसके अलावा कोरोना वायरस सहित विभिन्न संक्रमणों को बढ़ाने वाले कारकों पर काबू पाने के तरीकों की भी चर्चा की गयी है.

मल्होत्रा ब्रिटिश राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) से प्रशिक्षित हृदय रोग विशेषज्ञ हैं.

उन्होंने कहा कि खराब चयापचय कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के बराबर है. अच्छी बात यह है कि हम जो खाते हैं, हम जिस प्रकार घूमते हैं, उसमें मामूली बदलाव लाकर कुछ हफ्तों के अंदर ही हम स्थिति में सुधार ला सकते हैं और अपने आप को अधिक स्वस्थ बना सकते हैं तथा संक्रमण को दूर कर सकते हैं. उन्होंने इस क्रम में ध्यान के माध्यम से तनाव को कम करने की भी बात की.

पढ़ें - क्या अमेरिकी चुनाव में अहम भूमिका निभाएगा नस्लवाद का मुद्दा, यहां जानें

उन्होंने कहा कि उनकी यह किताब जल्दी ही आने वाले हफ्तों में भारतीय बाजारों में भी उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि उनकी तथा उनके प्रकाशक की इच्छा है कि इसे जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाया जाए जिससे उन्हें संक्रमण से मुकाबला करने में मदद मिल सके.

लंदन : ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक डॉक्टर की नयी पुस्तक का गुरुवार को विमोचन हुआ जिसमें स्वास्थ्य मापदंडों में सुधार में मदद के लिए 'सरल व साक्ष्य-आधारित' योजना का वर्णन किया गया है.

डॉ असीम मल्होत्रा कोविड-19 के गंभीर प्रभावों का मुकाबला करने के लिए मोटापे के खिलाफ अभियान में आगे रहे हैं.

मल्होत्रा की 'द 21-डे इम्यूनिटी प्लान' में आजमाए और परखे गए तरीकों को शामिल किया गया है कि कैसे सिर्फ 21 दिनों में लोग जोखिम की आशंका को रोक सकते हैं. इसके अलावा कोरोना वायरस सहित विभिन्न संक्रमणों को बढ़ाने वाले कारकों पर काबू पाने के तरीकों की भी चर्चा की गयी है.

मल्होत्रा ब्रिटिश राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) से प्रशिक्षित हृदय रोग विशेषज्ञ हैं.

उन्होंने कहा कि खराब चयापचय कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के बराबर है. अच्छी बात यह है कि हम जो खाते हैं, हम जिस प्रकार घूमते हैं, उसमें मामूली बदलाव लाकर कुछ हफ्तों के अंदर ही हम स्थिति में सुधार ला सकते हैं और अपने आप को अधिक स्वस्थ बना सकते हैं तथा संक्रमण को दूर कर सकते हैं. उन्होंने इस क्रम में ध्यान के माध्यम से तनाव को कम करने की भी बात की.

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उन्होंने कहा कि उनकी यह किताब जल्दी ही आने वाले हफ्तों में भारतीय बाजारों में भी उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि उनकी तथा उनके प्रकाशक की इच्छा है कि इसे जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाया जाए जिससे उन्हें संक्रमण से मुकाबला करने में मदद मिल सके.

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