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तालिबान और अफगान सरकार में जल्द शुरू हो सकती है वार्ताः अमेरिका - taliban and afghan govt talk

तालिबान और काबुल के राजनीतिक नेता युद्ध के बाद अफगानिस्तान की स्थिति पर फैसला करने के लिए बातचीत शुरू करने के बहुत करीब हैं. ऐसा अमेरिका के शांति दूत ने पाकिस्तानी अधिकारियों से कहा है. अमेरिकी दूत का कहना है कि फरवरी में अमेरिका के साथ हुए समझौते के तहत यह दूसरा अहम कदम है.

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अमेरिका के शांति दूत खलीलज़ाद
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Published : Jul 3, 2020, 4:49 AM IST

इस्लामाबाद : तालिबान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत को लेकर अमेरिका के शांति दूत ज़लमी खलीलज़ाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं. खलीलजाद अंतर अफगान वार्ता के लिए रास्ता प्रशस्त करने के वास्ते क्षेत्र में हैं. यह वार्ता इस महीने शुरू होने की उम्मीद है लेकिन तारीख तय नहीं की गई है.

पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को एक बयान जारी करके यह जानकारी दी. इससे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार देर शाम कहा कि पहले दौर की बातचीत कतर की राजधानी दोहा में होगी जहां तालिबान का राजनीतिक दफ्तर है.

समझौते के तहत दोनों पक्षों को एक-दूसरे के कैदियों को रिहा करना है. अफगान सरकार को पांच हजार तालिबानियों को रिहा करना है, जबकि विद्रोहियों को एक हजार सरकारी कर्मियों को छोड़ना है. सरकार ने साढ़े तीन हजार तालिबानियों को रिहा किया है जबकि तालिबान ने करीब 700 कर्मियों को छोड़ा है.

दूतावास ने बयान में कहा कि दूत खलीलज़ाद ने रेखांकित किया कि अंतर अफगान वार्ता को लेकर दोनों पक्ष कितने करीब आ गए हैं. साथ में तेजी से शेष मुद्दों को हल करने की अहमियत बताई और क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए शांति को रेखांकित किया.

दूत की पाकिस्तान में सेना प्रमुख और विदेश मंत्री से मुलाकात हुई है.

उधर, तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि समझौते के तहत सूचीबद्ध पांच हजार तालिबानियों को जब तक रिहा नहीं किया जाता है, तबतक कोई बातचीत शुरू नहीं होगी.

इस्लामाबाद : तालिबान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत को लेकर अमेरिका के शांति दूत ज़लमी खलीलज़ाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं. खलीलजाद अंतर अफगान वार्ता के लिए रास्ता प्रशस्त करने के वास्ते क्षेत्र में हैं. यह वार्ता इस महीने शुरू होने की उम्मीद है लेकिन तारीख तय नहीं की गई है.

पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को एक बयान जारी करके यह जानकारी दी. इससे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार देर शाम कहा कि पहले दौर की बातचीत कतर की राजधानी दोहा में होगी जहां तालिबान का राजनीतिक दफ्तर है.

समझौते के तहत दोनों पक्षों को एक-दूसरे के कैदियों को रिहा करना है. अफगान सरकार को पांच हजार तालिबानियों को रिहा करना है, जबकि विद्रोहियों को एक हजार सरकारी कर्मियों को छोड़ना है. सरकार ने साढ़े तीन हजार तालिबानियों को रिहा किया है जबकि तालिबान ने करीब 700 कर्मियों को छोड़ा है.

दूतावास ने बयान में कहा कि दूत खलीलज़ाद ने रेखांकित किया कि अंतर अफगान वार्ता को लेकर दोनों पक्ष कितने करीब आ गए हैं. साथ में तेजी से शेष मुद्दों को हल करने की अहमियत बताई और क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए शांति को रेखांकित किया.

दूत की पाकिस्तान में सेना प्रमुख और विदेश मंत्री से मुलाकात हुई है.

उधर, तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि समझौते के तहत सूचीबद्ध पांच हजार तालिबानियों को जब तक रिहा नहीं किया जाता है, तबतक कोई बातचीत शुरू नहीं होगी.

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