हांगकांग : चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैंगोग त्सो क्षेत्र में भारतीय सैन्य द्वारा की गई कार्रवाई से शी जिनपिंग कथित तौर पर नाराज बताए जा रहे हैं. सेना द्वारा की गई कार्रवाई पर चीन ने नाराजगी जताई है.
बताया जा रहा है कि 29-30 अगस्त की रात को भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) भी खासा नाराज है.
कुछ मीडिया ने आरोप लगाया कि CCP नेतृत्व इस बात से क्रोधित था कि एक PLA कमांडर ने स्पैंगुर में गतिरोध से बचने के लिए सेना वापस ले ली, हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई है.
इसके अलावा बॉर्डर पर चल रहे तनाव को लेकर चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारतीय सेना की ओर से की गई कार्रवाई से गुस्सा नजर आ रहा है.
उल्लेखनीय हैं कि 15 जून को भारत-चीन सेना के बीच गलवान घाटी में झड़प हुई थी. इस दिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग का 67वां जन्मदिन था.
इस झड़प में चीनी सेना को काफी नुकसान हुआ था. हालांकि चीन ने इस झड़प में हुई हताहत का अब तक कोई खुलासा नहीं किया है. जन्मदिन के मौके पर चीनी सेना को हुए नुकसान का प्रभाव जिनपिंग के चेहरे पर साफ देखने को मिला था. वह इस नुकसान से काफी खफा हैं. जिनपिंग CCP और व्यक्तिगत वफादारों से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि जिनपिंग ने हमेशा सैन्य शक्ति को मजबूत करने की कोशिश की है, जो उनके पूर्ववर्ती कुछ हासिल नहीं कर सके. वह चीन के भीतर राजनीतिक वफादारी और सामाजिक अशांति को लेकर और भी अधिक बौखलाए हुए हैं.
यह बताता है कि क्यों, 26 अगस्त को चीनी पुलिस तंत्र (सार्वजनिक सुरक्षा और राज्य सुरक्षा मंत्रालयों सहित) ने CCP को राज्य परिषद की कमान से हटा दिया गया था.
एक समारोह के दौरान शी ने पुलिस को पार्टी के प्रति वफादार रहने, लोगों की सेवा करने और कानून प्रवर्तन में निष्पक्ष और अनुशासन में सख्त रहने का आदेश दिया.
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कानून प्रवर्तन बलों ने अब पीपुल्स आर्म्ड पुलिस (PAP) के रूप में चुनाव किया है, जिसे शी ने जनवरी 2018 में केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) में अपने तत्काल नेतृत्व में रखा था. किसी भी लोकप्रिय विद्रोह में जैसे कि 1989 में तियानगान स्क्वायर में हुआ था, किसी भी अशांति को कम करने के लिए पीएपी को बुलाया जाएगा.