बेरूत : ईरान ने शुक्रवार को कहा कि बेरूत में हुए भयानक विस्फोट का फायदा उठा कर पश्चिमी देशों को इस छोटे से अरब देश पर अपनी नीतियां थोपना नहीं चाहिए. इस विस्फोट में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हैं.
ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका का एक वरिष्ठ अधिकारी और फ्रांस के रक्षा मंत्री लेबनान में हैं.
बेरूत के बंदरगाह पर चार अगस्त को विस्फोट की वजह से करीब 180 लोगों की मौत हो गई और 6,000 लोग घायल हो गए. साथ ही राजधानी में व्यापक स्तर तबाही हुई.
लेबनान सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में दबाव में आकर इस्तीफा दे दिया है. प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच चर्चा और सलाह मश्विरा का दौर जारी है कि प्रधानमंत्री हस्सान दियाब की जगह कौन लेगा.
इस विस्फोट के बाद लोगों में सरकारी भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और राजनीतिक अनिश्चितता को लेकर गुस्सा बढ़ रहा है.
पश्चिमी नेताओं ने कहा कि वे सीधे लेबनान की जनता के पास सहायता भेजेंगे और जब तक बड़े सुधार नहीं होंगे, तब तक देश को अरबों डॉलर नहीं दिया जाएगा.
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पिछले सप्ताह बेरूत की यात्रा पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने लेबनान के नेताओं से मुलाकात की थी और उनसे नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने की अपील की.
लेबनान के स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार अमेरिका चाहता है कि लेबनान में नई सरकार में ईरान समर्थित शक्तिशाली हिज्बुल्ला को शामिल नहीं किया जाए. अमेरिका और उसके सहयोगी हिज्बुल्ला को आतंकवादी संगठन मानते हैं.
जरीफ ने लेबनान के निवर्तमान विदेशमंत्री शर्बेल वहबी के साथ बैठक के बाद कहा कि उनका मानना है कि लेबनान की सरकार और वहां की जनता इस पर निर्णय करेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी विदेशी पक्ष को इस भयानक स्थिति का फायदा नहीं उठाना चाहिए.
उन्होंने अमेरिका द्वारा लेबनान की मुख्य बड़ी पार्टियों को छोड़कर सरकार बनाने के कथित निर्देश और प्रयास को 'अमानवीय' बताया है.