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भारतीयों को नहीं बनाएंगे निशाना, सभी दूतावास सुरक्षित: तालिबान

तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल ने कहा कि हमारी तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है. हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे.

तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने दिया बयान
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने दिया बयान
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Published : Aug 14, 2021, 8:35 AM IST

Updated : Aug 14, 2021, 12:18 PM IST

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान का खौफ लगातार बढ़ रहा है. आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान के कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया है. जानकारी के मुताबिक अब वह राष्ट्रीय राजधानी काबुल से महज 40 से 50 किमी की दूरी पर है.

इस बीच, तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा कि अलग-अलग देशों के दूतावासों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि तालिबान इन्हें निशाना नहीं बनाएंगे. संगठन पहले भी यह बातें कई बार कह चुका है.

तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने दिया बयान
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने दिया बयान

प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल के मुताबिक वह भारतीय नागरिकों को निशाना नहीं बनाएंगे. वहीं, भारत द्वारा किए गए विकास कार्यों पर तालिबान ने कहा कि हम उन सभी कामों की सराहना करते हैं जो अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हैं, जैसे बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा से जुड़ीं परियोजनाएं और वो सब कुछ जो अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों की आर्थिक समृद्धि के लिए किया गया है. बता दें, भारत ने अफगानिस्तान में ऐसे कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है. भारत द्वारा बनाए जा रहे ऐसे ही एक बांध पर दो भारतीय नागरिक फंस गए थे, जिन्हें एयरलिफ्ट किया गया.

दूतावासों को खतरा नहीं

मोहम्मद सुहैल ने कहा कि हमारी तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है. हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे. हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है. यह हमारी प्रतिबद्धता है. वहीं, पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से संबंध रखने के आरोप पर प्रवक्ता ने कहा कि यह सरासर गलत और राजनीति से प्रेरित आरोप हैं.

पढ़ें: अफगानिस्तान के समूचे दक्षिणी हिस्से में तालिबान का नियंत्रण, कब्जे में चार और शहर

महिलाओं को अधिकार दे सकता है तालिबान

जैसे-जैसे तालिबान फैल रहा है, ऐसे संकेत हैं कि आतंकवादी समूह महिलाओं को काम करने की इजाजत देने के अपने वादे पर कामय रहेगा. तालिबान ने 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान पर शासन किया था और सख्त इस्लामी कानून लागू किए थे और महिलाओं को काम करने से रोक दिया था. बहरहाल, हाल के दिनों में संगठन ने बार-बार कहा है कि काबुल में सत्ता में लौटने पर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. यानी महिलाओं को पढ़ने और कामकाज की अनुमति दी जा सकती है.

एएनआई

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान का खौफ लगातार बढ़ रहा है. आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान के कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया है. जानकारी के मुताबिक अब वह राष्ट्रीय राजधानी काबुल से महज 40 से 50 किमी की दूरी पर है.

इस बीच, तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा कि अलग-अलग देशों के दूतावासों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि तालिबान इन्हें निशाना नहीं बनाएंगे. संगठन पहले भी यह बातें कई बार कह चुका है.

तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने दिया बयान
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने दिया बयान

प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल के मुताबिक वह भारतीय नागरिकों को निशाना नहीं बनाएंगे. वहीं, भारत द्वारा किए गए विकास कार्यों पर तालिबान ने कहा कि हम उन सभी कामों की सराहना करते हैं जो अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हैं, जैसे बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा से जुड़ीं परियोजनाएं और वो सब कुछ जो अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों की आर्थिक समृद्धि के लिए किया गया है. बता दें, भारत ने अफगानिस्तान में ऐसे कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है. भारत द्वारा बनाए जा रहे ऐसे ही एक बांध पर दो भारतीय नागरिक फंस गए थे, जिन्हें एयरलिफ्ट किया गया.

दूतावासों को खतरा नहीं

मोहम्मद सुहैल ने कहा कि हमारी तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है. हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे. हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है. यह हमारी प्रतिबद्धता है. वहीं, पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से संबंध रखने के आरोप पर प्रवक्ता ने कहा कि यह सरासर गलत और राजनीति से प्रेरित आरोप हैं.

पढ़ें: अफगानिस्तान के समूचे दक्षिणी हिस्से में तालिबान का नियंत्रण, कब्जे में चार और शहर

महिलाओं को अधिकार दे सकता है तालिबान

जैसे-जैसे तालिबान फैल रहा है, ऐसे संकेत हैं कि आतंकवादी समूह महिलाओं को काम करने की इजाजत देने के अपने वादे पर कामय रहेगा. तालिबान ने 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान पर शासन किया था और सख्त इस्लामी कानून लागू किए थे और महिलाओं को काम करने से रोक दिया था. बहरहाल, हाल के दिनों में संगठन ने बार-बार कहा है कि काबुल में सत्ता में लौटने पर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. यानी महिलाओं को पढ़ने और कामकाज की अनुमति दी जा सकती है.

एएनआई

Last Updated : Aug 14, 2021, 12:18 PM IST
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