कुआलालंपुर : कोरोना वायरस के प्रकोप (corona virus outbreak) ने दक्षिण एशिया (South Asia) के कई देशों में स्थिति को बहुत ही विकट बना दिया है, जिसमें इंडोनेशिया (Indonesia) ने अपना समूचा ऑक्सीजन उत्पादन (oxygen production) चिकित्सा उपयोग में झोंक दिया है, मलेशिया में रोगियों से खचाखच भरे अस्पतालों में मरीजों को जमीन पर लिटाकर उपचार करना पड़ रहा है. म्यांमार के सबसे बड़े शहर में कोविड-19 रोगियों (covid 19 patients in myanmar) के अंतिम संस्कार के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
इस क्षेत्र में संक्रमण के नये मामले (new cases of infection) बढ़ने के साथ साथ मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. इस क्षेत्र के देशों का स्वास्थ्य ढांचा इस महामारी के कारण बुरी तरह चरमरा रहा है. इसके साथ ही स्थिति से पार पाने के लिए इस क्षेत्र के विभिन्न देशों की सरकारें आए दिन नये-नये प्रतिबंध लगा रही हैं.
मलेशिया में महामारी (pandemic in malaysia) के केंद्र बने सेलानगोर राज्य में जब 17 जून को एरिक लैम को कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, तो वहां की यह तस्वीर थी कि वार्ड में कोई जगह नहीं थी और मरीजों को गलियारों में बिस्तर लगाकर रखा जा रहा था.
पढ़ें- कोविड : एकल खुराक पर डेल्टा संस्करण के खिलाफ बनती कम एंटीबॉडी पर टीके प्रभावी हैं
सेलानगोर के अन्य अस्पतालों की स्थिति कमोबेश ऐसी है. यह मलेशिया का सबसे अधिक संपन्न और सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है. इस राज्य के किसी अस्पताल में अब निशुल्क बिस्तर खाली नहीं है. बताया जा रहा है कि मरीजों का उपचार जमीन पर लिटाकर या स्ट्रेचरों पर किया जा रहा है. हालांकि, इसके बाद से सरकार ने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी है. नये कोविड वार्ड भी बनाये गये हैं.
लैम ने याद करते हुए बताया कि उनके तीन सप्ताह के अस्पताल प्रवास में एक बार एक मशीन लगातार दो घंटे तक बीप करती रही. उसके बाद एक नर्स आयी और उसकी आवाज को बंद किया. बाद में पता चला कि जिस रोगी पर वह मशीन लगायी गयी थी, वह मर चुका था.
मलेशिया में काम करने वाले रेड क्रास के एशिया प्रशांत आपात स्वास्थ्य समन्वयक अभिषेक रीमल ने बताया कि मामलों में हाल में हुई वृद्धि के विभिन्न कारण हैं. इनमें लोगों का महामारी से उकता जाना, ऐहतियाती उपायों में शिथिलता, समुचित टीकाकरण का अभाव, डेल्टा स्वरूप का उभरना इन कारणों में शामिल है.
उन्होंने कहा, विभिन्न देश जो उपाय कर रहे हैं, उसके साथ यदि लोग हाथ धोने, मास्क पहनने, एक दूसरे से दूरी बनाने, टीकाकरण कराने जैसी मूलभूत बातों को अपनाते हैं तो अब से अगले कुछ सप्ताह में मामलों में गिरावट देखी जा सकती है.
पढ़ें- चीन ने कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच को लेकर डब्ल्यूएचओ की योजना पर हैरानी जताई
मलेशिया में राष्ट्रीय लॉकडाउन (national lockdown in malaysia) के उपाय से अभी तक संक्रमण के दैनिक मामलों में कमी लाने में सहायता नहीं मिल पाई है. 13 जुलाई को दैनिक मामलों में वृद्धि 10 हजार से अधिक रही और उसके बाद से वह उसी संख्या पर स्थिर है.
मलेशिया में टीकाकरण की दर धीमी है. करीब 15 प्रतिशत जनसंख्या का ही पूर्ण टीकाकरण हो पाया है. सरकार को उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक अधिकतर आबादी का टीकाकरण हो जाएगा.
भारत की आबादी करीब 1.4 अरब है. देश में कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है. ऑनलाइन साइंटिफिक पब्लिकेशन 'आवर वर्ल्ड इन डेटा' के अनुसार, मई में भारत की कोविड-19 मृत्यु दर सात दिन प्रति 10 लाख 3.1 पर पहुंच गयी थी, लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है.
इंडोनेशिया, म्यामांर और मलेशिया में जून के अंत से ही कोविड-19 के कारण मृत्यु दर में तेज वृद्धि देखी जा रही है. बृहस्पतिवार को यह तीनों देशों में एक सप्ताह में प्रति 10 लाख पर मृत्यु की दर क्रमश: 4.17, 4.02 और 3.18 रही. कंबोडिया व थाईलैंड में भी कोरोना वायरस मामलों और मौतों की संख्या में बड़ी वृद्धि देखी गयी, लेकिन उन्होंने सात दिन में प्रति 10 लाख पर मृत्युदर को क्रमश: 1.29 और 1.74 के कम स्तर पर बनाये रखने में कामयाबी पायी है.
पढ़ें- क्यूबा में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले बढ़े
विश्व में चौथी सबसे अधिक आबादी वाले देश इंडोनेशिया में बुधवार को 1383 लोगों की संक्रमण से मौत हुई, जो महामारी शुरू होने के बाद से सबसे अधिक आंकड़ा है. देश में 27 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं.
इंडोनेशिया के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत होने लगी है. सरकार ने उद्योग के बजाय चिकित्सा उपाय के लिए ऑक्सीजन देने का निर्देश दिया है. देश में पहले 25 प्रतिशत ऑक्सीजन चिकित्सा क्षेत्र को मिलता था, जो अब बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया है.
म्यामांर में मंगलवार को सरकार ने कोविड-19 के 5860 मामलों और 286 मौतों की जानकारी दी. माना जा रहा है कि अभी देश की मात्र तीन प्रतिशत आबादी का ही टीकाकरण हो पाया है.
म्यामांर में कब्रगाह मामलों की निगरानी करने वाले विभगा के प्रमुख चो तुन आंग सेना द्वारा परिचालित म्यावाडी टीवी को सोमवार को बताया, आठ जुलाई से 350 कर्मचारी लगातार तीन पालियों में काम कर रहे हैं, ताकि यांगून के प्रमुख सात कब्रगाहों में लोगों का समुचित ढंग से अंतिम संस्कार किया जा सके और उन्हें दफनाया जा सके.
(एपी)