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म्यांमार में बढ़ते अत्याचार पर संयुक्त राष्ट्र ने किया चिंता व्यक्त

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने कहा कि म्यांमार में पिछले एक सप्ताह में मरने वालों की संख्या बढ़ गई है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि देश में सुरक्षा बल शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आक्रामक तरीके से घातक हमलों का उपयोग कर रहे हैं, और पूरे देश में मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और लोगों को हिरासत में रखना जारी है.

म्यांमार में बढ़ते अत्याचार पर संयुक्त राष्ट्र ने किया चिंता व्यक्त
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Published : Mar 16, 2021, 7:42 PM IST

नई दिल्ली : म्यांमार में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के मानवाधिकारों की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने कहा कि म्यांमार में पिछले एक सप्ताह में मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. जहां देश में सुरक्षा बल शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आक्रामक तरीके से घातक हमलों का उपयोग कर रहे हैं, और पूरे देश में मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और लोगों को हिरासत में रखना जारी है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि, 'हिरासत में प्रताड़ना की चिंताजनक खबरें भी सामने आई हैं. गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिए गए सैकड़ों लोग गायब कर दिए गएं, जिसे सैन्य अधिकारियों द्वारा भी स्वीकार किया गया.'

उन्होंने कहा कि यांगून और मांडले के आसपास और आसपास के कई कस्बों में मार्शल लॉ लगाने के साथ ही किसी भी तरह की जानकारी आना तेजी से कठिन होता जा रहा है. इसलिए सरकार द्वारा संचार ब्लैकआउट लगाया जाना आसान है.

हालांकि, हम इस बात की पुष्टि करने में कामयाब रहे हैं कि म्यांमार में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बल के गैरकानूनी उपयोग के परिणामस्वरूप, 1 फरवरी से कम से कम 149 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इनमें से कम से कम 57 लोग सप्ताहांत में और 11 लोग सोमवार को मारे गए. हत्याओं की कई और रिपोर्टें हैं, जिनकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.

ये भी पढ़ें : मानवाधिकार परिषद में भारत ने पाकिस्तान में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया

बयान के अनुसार, इन आंकड़ों में यांगून की एक बस्ती हैलिंग थरियार में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों को शामिल किया गया है. सैन्य अधिकारियों ने यांगून और मांडले के आसपास और आसपास के कई टाउनशिप में मार्शल लॉ घोषित किया है.

पूरे देश में गिरफ्तारी और धरना जारी है. 2,084 से अधिक लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखा गया है. कम से कम 37 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 19 विवेकाधीन हिरासत में हैं. हाल के सप्ताहों में हिरासत में कम से कम पांच मौतें हुई हैं, और कम से कम दो पीड़ितों के शरीर में गंभीर शारीरिक शोषण के संकेत मिले हैं जो यह दर्शाता है कि उन्हें यातना दी गई थी.

ये भी पढ़ें : भारत-फिनलैंड वर्चुअल समिट : पीएम मोदी बोले- आईएसए और सीडीआरआई से जुड़े फिनलैंड

मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त, रवीना शामदासानी ने एक बयान में आगे जोड़ा, 'हम इस बात से गहराई से परेशान हैं कि यह तनाव जारी है, और हम फिर से प्रदर्शनकारियों को न मारने और हिरासत में नहीं लेने के लिए सेना को कहते हैं. जैसा कि उच्चायुक्त ने जोर दिया है, प्रभाव वाले सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि वे म्यांमार के लोगों के खिलाफ इस राज्य की हिंसा को समाप्त करने के लिए उपाय करें.'

नई दिल्ली : म्यांमार में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के मानवाधिकारों की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने कहा कि म्यांमार में पिछले एक सप्ताह में मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. जहां देश में सुरक्षा बल शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आक्रामक तरीके से घातक हमलों का उपयोग कर रहे हैं, और पूरे देश में मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और लोगों को हिरासत में रखना जारी है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि, 'हिरासत में प्रताड़ना की चिंताजनक खबरें भी सामने आई हैं. गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिए गए सैकड़ों लोग गायब कर दिए गएं, जिसे सैन्य अधिकारियों द्वारा भी स्वीकार किया गया.'

उन्होंने कहा कि यांगून और मांडले के आसपास और आसपास के कई कस्बों में मार्शल लॉ लगाने के साथ ही किसी भी तरह की जानकारी आना तेजी से कठिन होता जा रहा है. इसलिए सरकार द्वारा संचार ब्लैकआउट लगाया जाना आसान है.

हालांकि, हम इस बात की पुष्टि करने में कामयाब रहे हैं कि म्यांमार में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बल के गैरकानूनी उपयोग के परिणामस्वरूप, 1 फरवरी से कम से कम 149 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इनमें से कम से कम 57 लोग सप्ताहांत में और 11 लोग सोमवार को मारे गए. हत्याओं की कई और रिपोर्टें हैं, जिनकी अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.

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बयान के अनुसार, इन आंकड़ों में यांगून की एक बस्ती हैलिंग थरियार में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों को शामिल किया गया है. सैन्य अधिकारियों ने यांगून और मांडले के आसपास और आसपास के कई टाउनशिप में मार्शल लॉ घोषित किया है.

पूरे देश में गिरफ्तारी और धरना जारी है. 2,084 से अधिक लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखा गया है. कम से कम 37 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 19 विवेकाधीन हिरासत में हैं. हाल के सप्ताहों में हिरासत में कम से कम पांच मौतें हुई हैं, और कम से कम दो पीड़ितों के शरीर में गंभीर शारीरिक शोषण के संकेत मिले हैं जो यह दर्शाता है कि उन्हें यातना दी गई थी.

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मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त, रवीना शामदासानी ने एक बयान में आगे जोड़ा, 'हम इस बात से गहराई से परेशान हैं कि यह तनाव जारी है, और हम फिर से प्रदर्शनकारियों को न मारने और हिरासत में नहीं लेने के लिए सेना को कहते हैं. जैसा कि उच्चायुक्त ने जोर दिया है, प्रभाव वाले सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि वे म्यांमार के लोगों के खिलाफ इस राज्य की हिंसा को समाप्त करने के लिए उपाय करें.'

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