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तुर्की ने अगले 18 महीने के लिए लीबिया में सेना की तैनाती बढ़ाई - अंकारा और लीबिया

तुर्की ने लीबिया में अपनी सेनाओं की तैनाती अगले 18 महीनों के लिए बढ़ा दिया है. इस बीच युद्धग्रस्त देश में नाटो समर्थित मिशन के हिस्से के रूप में 18 महीने के लिए अफगानिस्तान में तुर्की सैनिकों की तैनाती का विस्तार करने वाला प्रस्ताव भी तुर्की संसद में पारित किया गया है.

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Published : Dec 25, 2020, 4:23 PM IST

अंकारा : तुर्की ने लीबिया में अपनी सेनाओं की तैनाती अगले 18 महीनों के लिए बढ़ा दिया है. यह जानकारी तुर्की के अधिकारिक गजट से मिली है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुरुवार को गजट के हवाले से कहा कि उत्तरी अफ्रीकी देश में तैनाती के विस्तार के प्रस्ताव को तुर्की की संसद ने मंगलवार को मंजूरी दे दी.

गजट में कहा गया है, 'लीबिया में राजनीतिक संवाद करना अंकारा के लिए बहुत अहम है. लीबिया से तुर्की और पूरे क्षेत्र को खतरा है. अगर फिर से हमले शुरू होते हैं, तो भूमध्यसागरीय और उत्तरी अफ्रीका में तुर्की के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. तुर्की के लीबिया के साथ हस्ताक्षर किए गए सुरक्षा और सैन्य सहयोग के ज्ञापन के तहत तुर्की लीबिया को प्रशिक्षण और परामर्श समर्थन में योगदान करना जारी रखेगा.'

इस बीच युद्धग्रस्त देश में नाटो समर्थित मिशन के हिस्से के रूप में 18 महीने के लिए अफगानिस्तान में तुर्की सैनिकों की तैनाती का विस्तार करने वाला प्रस्ताव भी तुर्की संसद में पारित किया गया है. इसे भी गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया गया था.

पढ़ें - अफगानिस्तान में महिला अधिकार कार्यकर्ता की हत्या

बता दें कि 2019 में अंकारा और लीबिया की संयुक्त राष्ट्र की मान्यता प्राप्त सरकार (जीएनए) ने पूर्वी भूमध्य सागर में सैन्य सहयोग और समुद्री सीमाओं को लेकर दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे.

2011 में जब से लीबिया के पूर्व नेता मुअम्मर गद्दाफी की हत्या हुई है, तब से लीबिया जीएनए और लीबिया राष्ट्रीय सेना की शक्तियों के बीच विभाजित है.

अंकारा : तुर्की ने लीबिया में अपनी सेनाओं की तैनाती अगले 18 महीनों के लिए बढ़ा दिया है. यह जानकारी तुर्की के अधिकारिक गजट से मिली है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुरुवार को गजट के हवाले से कहा कि उत्तरी अफ्रीकी देश में तैनाती के विस्तार के प्रस्ताव को तुर्की की संसद ने मंगलवार को मंजूरी दे दी.

गजट में कहा गया है, 'लीबिया में राजनीतिक संवाद करना अंकारा के लिए बहुत अहम है. लीबिया से तुर्की और पूरे क्षेत्र को खतरा है. अगर फिर से हमले शुरू होते हैं, तो भूमध्यसागरीय और उत्तरी अफ्रीका में तुर्की के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. तुर्की के लीबिया के साथ हस्ताक्षर किए गए सुरक्षा और सैन्य सहयोग के ज्ञापन के तहत तुर्की लीबिया को प्रशिक्षण और परामर्श समर्थन में योगदान करना जारी रखेगा.'

इस बीच युद्धग्रस्त देश में नाटो समर्थित मिशन के हिस्से के रूप में 18 महीने के लिए अफगानिस्तान में तुर्की सैनिकों की तैनाती का विस्तार करने वाला प्रस्ताव भी तुर्की संसद में पारित किया गया है. इसे भी गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया गया था.

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बता दें कि 2019 में अंकारा और लीबिया की संयुक्त राष्ट्र की मान्यता प्राप्त सरकार (जीएनए) ने पूर्वी भूमध्य सागर में सैन्य सहयोग और समुद्री सीमाओं को लेकर दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे.

2011 में जब से लीबिया के पूर्व नेता मुअम्मर गद्दाफी की हत्या हुई है, तब से लीबिया जीएनए और लीबिया राष्ट्रीय सेना की शक्तियों के बीच विभाजित है.

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