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पोम्पिओ ने अफगानिस्तान में तालिबान के हमले की निंदा की

अफगानिस्तान में हुए दो आत्मघाती हमलों में 48 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इन धमाकों की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. इस हमलों की अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने निंदा की है. पढ़ें पूरी खबर...

फाइल फोटो
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Published : Sep 17, 2019, 10:28 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 12:15 AM IST

काबुल: अफगानिस्तान में चुनाव से पहले काबुल और परवान प्रांत में मंगलवार को हुए आत्मघाती बम धमाकों में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई. इस हमले की अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कड़ी निंदा की है.

बता दें, पहला धमाका मध्य परवान प्रांत में हुआ जहां राष्ट्रपति अब्दुल गनी की रैली कर रहे थे. हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और रैली स्थल के नजदीक पुलिस चौकी में बम लगाकर धमाका कर दिया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए.

इस घटना के ठीक एक घंटे बाद मध्य काबुल में अमेरिकी दूतावास के नजदीक धमाका हुआ, जिसकी जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. इस धमाके में 22 लोगों की मौत हो गई और 38 लोग घायल हो गए.

तालिबान ने इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी ली है. तालिबान के जिम्मेदारी लेने के बाद पोम्पिओ ने कहा, इन हमलों के जरिए तालिबान ने अफगानिस्तान की संस्थाओं और अफगान लोगों का घोर अपमान किया है.

पोम्पिओ ने कहा कि यदि तालिबान अफगानिस्तान से वास्तव में सुलह करना चाहता है तो उसे अफगान लोगों और उनके देश को नुकसान पहुंचाने वाली हिंसा और तबाही को जारी रखने के बजाए शांति के प्रति ईमानदारी से अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए.

उन्होंने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों के अस्पतालों, स्कूलों और घरों में बिजली पहुंचाने वाली विद्युत लाइनों पर तालिबान के हमलों के कारण वहां कई दिन बिजली गुल रही और उसे कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा तालिबान के साथ इस महीने की शुरुआत में एक समझौते पर वार्ता समाप्त करने के बाद ये धमाके हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः अफगानिस्तान :तालिबान ने रेड क्रॉस से प्रतिबंध हटाया

तालिबान ने मीडिया को भेजे एक बयान में दोनों धमाकों की जिम्मेदारी ली. तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद ने कहा कि गनी की रैली के निकट जानबूझकर धमाका किया गया ताकी 28 सितंबर को होने वाले चुनाव में बाधा डाली जा सके.

afganistan blast etv bharat
चुनाव की तैयारियों में लगे अफगान सैनिक

बयान में कहा गया है, 'हम पहले ही लोगों को चेतावनी दे चुके हैं कि वे चुनाव रैलियों में शिरकत न करें. अगर उन्हें कोई नुकसान होता है तो वह खुद इसके जिम्मेदार होंगे.'

परवान अस्पताल के निदेशक अब्दुल कासिम संगीन ने कहा कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.

परवान प्रांत में जिस समय धमाका हुआ तब राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे, हालांकि उन्हें कोई चोट नहीं आई. गनी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना ने साबित कर दिया कि शांति में तालिबान की कोई दिलचस्पी नहीं है.

काबुल: अफगानिस्तान में चुनाव से पहले काबुल और परवान प्रांत में मंगलवार को हुए आत्मघाती बम धमाकों में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई. इस हमले की अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कड़ी निंदा की है.

बता दें, पहला धमाका मध्य परवान प्रांत में हुआ जहां राष्ट्रपति अब्दुल गनी की रैली कर रहे थे. हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और रैली स्थल के नजदीक पुलिस चौकी में बम लगाकर धमाका कर दिया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए.

इस घटना के ठीक एक घंटे बाद मध्य काबुल में अमेरिकी दूतावास के नजदीक धमाका हुआ, जिसकी जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. इस धमाके में 22 लोगों की मौत हो गई और 38 लोग घायल हो गए.

तालिबान ने इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी ली है. तालिबान के जिम्मेदारी लेने के बाद पोम्पिओ ने कहा, इन हमलों के जरिए तालिबान ने अफगानिस्तान की संस्थाओं और अफगान लोगों का घोर अपमान किया है.

पोम्पिओ ने कहा कि यदि तालिबान अफगानिस्तान से वास्तव में सुलह करना चाहता है तो उसे अफगान लोगों और उनके देश को नुकसान पहुंचाने वाली हिंसा और तबाही को जारी रखने के बजाए शांति के प्रति ईमानदारी से अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए.

उन्होंने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान के कई क्षेत्रों के अस्पतालों, स्कूलों और घरों में बिजली पहुंचाने वाली विद्युत लाइनों पर तालिबान के हमलों के कारण वहां कई दिन बिजली गुल रही और उसे कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा तालिबान के साथ इस महीने की शुरुआत में एक समझौते पर वार्ता समाप्त करने के बाद ये धमाके हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः अफगानिस्तान :तालिबान ने रेड क्रॉस से प्रतिबंध हटाया

तालिबान ने मीडिया को भेजे एक बयान में दोनों धमाकों की जिम्मेदारी ली. तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद ने कहा कि गनी की रैली के निकट जानबूझकर धमाका किया गया ताकी 28 सितंबर को होने वाले चुनाव में बाधा डाली जा सके.

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चुनाव की तैयारियों में लगे अफगान सैनिक

बयान में कहा गया है, 'हम पहले ही लोगों को चेतावनी दे चुके हैं कि वे चुनाव रैलियों में शिरकत न करें. अगर उन्हें कोई नुकसान होता है तो वह खुद इसके जिम्मेदार होंगे.'

परवान अस्पताल के निदेशक अब्दुल कासिम संगीन ने कहा कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.

परवान प्रांत में जिस समय धमाका हुआ तब राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे, हालांकि उन्हें कोई चोट नहीं आई. गनी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना ने साबित कर दिया कि शांति में तालिबान की कोई दिलचस्पी नहीं है.

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Taliban kill at least 48 in bloody day ahead of Afghan polls
         Kabul, Sep 17 (AFP) Taliban suicide bombers killed at least 48 people and wounded dozens more in two blasts Tuesday -- one at a campaign rally for the president and the other in Kabul -- with the insurgents warning of more violence ahead of elections.
         The first attack saw a motorcyclist detonate a suicide bomb at a checkpoint leading to a rally where President Ashraf Ghani was addressing supporters in central Parwan province, just north of the capital, killing 26 and wounding 42.
         Just over an hour later another blast also claimed by the Taliban rocked central Kabul near the US embassy. Authorities initially did not give casualty figures, but later said 22 people had been killed and a further 38 wounded.
         The explosions came after US President Donald Trump abruptly ended talks with the Taliban earlier this month over a deal that would have allowed the US to begin withdrawing troops from its longest war.
         In a statement sent to media claiming responsibility for both blasts, Taliban spokesman Zabihullah Mujahid said the attack near Ghani's rally was deliberately aimed at disrupting the September 28 elections.
         "We already warned people not to attend election rallies, if they suffer any losses that is their own responsibility," the statement said.
         An AFP image from the scene near Ghani's rally, roughly an hour's drive north of Kabul, showed the remains of a burnt motorcycle, with a body on top, covered by a blanket and next to a badly damaged police car.
         Women and children were among the causalities, Parwan hospital director Abdul Qasim Sangin told AFP.
         The president, who was speaking to his supporters at the time of the blast, was unhurt but later condemned the attack, saying the incident proved the Taliban had no real interest in reconciliation.
         "As the Taliban continue their crimes, they once again prove that they are not interested in peace and stability in Afghanistan," said Ghani in a statement.
         Sixty kilometres (40 miles) away in Kabul, a shopkeeper, Rahimullah, said he had been sitting inside his shop when the second blast came.
         "The wave broke all the windows," he told AFP.
         "I rushed outside and saw several bodies just across the street.          This is the second time in less than a month that a blast has broken our windows. I just fixed them a week ago." The UN's mission in Afghanistan also slammed the Taliban, accusing them of showing "despicable disregard for civilian life & fundamental human right to participate in democratic process".
         The elections will see Ghani face off against his own Chief Executive, Abdullah Abdullah, and more than a dozen other candidates, including former warlords, ex-spies, and onetime members of the country's former communist regime.
         For weeks, the election had been sidelined by the US-Taliban talks, with many Afghans and observers expecting the vote to be cancelled if a deal was agreed. Even candidates did little in the way of campaigning.
         But with the deal off, Ghani and his rivals have begun the race.
Ghani is seeking a clear mandate they can use to negotiate with the insurgents on a lasting peace in Afghanistan.
         Trump's declaration that the US-Taliban talks were "dead" spurred the insurgents to declare last week that the only other option was more fighting.
         "We had two ways to end occupation in Afghanistan, one was jihad and fighting, the other was talks and negotiations," Mujahid told AFP last week.
         "If Trump wants to stop talks, we will take the first way and they will soon regret it." Observers had warned the Taliban, who hope to weaken the future president, will do anything they can to upend the election.
         On the first day of campaigning in July, suicide attackers and gunmen targeted the Kabul office of Ghani's running mate, Amrullah Saleh. At least 20 people died in those attacks.
         Turnout in the elections is set to be low, with experts citing fear of violence and a loss of hope among voters following widespread fraud allegations during the 2014 election.
         A BBC investigation released on Monday claimed that 74 people were killed every day on average in August, with 611 incidents resulting in 2,307 deaths. (AFP)
AMS
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Last Updated : Oct 1, 2019, 12:15 AM IST
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