कोलंबो: श्रीलंका में एक समुदाय (मुसलमान) के खिलाफ हुई हिंसा के बाद सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू का एलान किया है. इसके साथ ही श्रीलंका में सोशल मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई है. दुकानों पर हमले के बाद उपजे तनाव के बाद सरकार ने यह फैसला किया है. बता दें, गत 21 अप्रैल को ईस्टर के दिन हुए हमलों के बाद श्रीलंका में लगातार तनाव व्याप्त है.
सूचना के मुताबिक रविवार को कोलंबो के उत्तर में बसे तीन जिलों में एंटी-मुस्लिम हिंसा की खबरें सामने आने के बाद कर्फ्यू का एलान किया गया है.
सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध
एहतियात के तौर पर श्रीलंका में फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी गई है. ये कदम मुसलमानों के खिलाफ भड़की हिंसा के कारण उठाया गया.
बीते शनिवार को सुरक्षा बलों ने एक मौलाना को भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया. 47 साल के मौलाना पर सोशल मीडिया का प्रयोग कर चरमपंथी विचार प्रसारित करने का आरोप है. मौलाना की पहचान का खुलासा अभी नहीं किया गया है.
दुकानों पर हुए हमले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईसाईयों धर्मावलंबी लोगों के समूहों ने मुसलमानों की दुकानों को निशाना बनाया.
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बता दें कि गत 21 अप्रैल को श्रीलंका में आठ अलग-अलग जगहों पर सीरियल बम धमाके हुए थे. धमाकों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. धमाकों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी, लेकिन श्रीलंका की सरकार ने एक जांच रिपोर्ट में स्थानीय कट्टरपंथी इस्लामिक समूह नेशनल तौहिद जमात (NTJ) को धमाकों का दोषी करार दिया था.
आक्रोशित ईसाईयों ने मुसलमानों को निशाना बनाया
श्रीलंका में उपजे नए तनाव के बारे में पुलिस ने बताया है कि रविवार को चिलॉ इलाके में एक दुकान को निशाना बनाया गया. आक्रोशितों ने एक फेसबुक पोस्ट के बाद दुकानदार पर हमला किया था. सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी की, लेकिन इसी बीच हिंसक भीड़ ने दूसरे इलाकों के मुस्लिम कारोबारियों को भी निशाना बनाया.