कोलंबो : श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए धमाके में करीब 250 से अधिक लोग मारे गए थे. इस धमाके में स्थानीय आतंकवादी समूह नेशनल तौहिद जमात (एनटीजे) का हाथ था. उच्च जांच अधिकारी ने बताया, 'स्थानीय आतंकवादी समूह ने आईएसआईस (आईएसआईएल) के धमाकों से प्रेरित होकर श्रीलंका में आत्मघाती विस्फोट को अंजाम दिया है.'
मीडिया रिपोर्टस में श्रीलंका अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के मुख्य अधिकारी रवि सेनेवीरात्ने ने बताया है कि, 'तीन चर्च और तीन होटल पर आत्मघाती हमले में आईएसआईस का सीधा संबंध नहीं था.'
रवि सेनेवीरात्ने ने संसदीय समिति को बताया, 'ये लोग आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) की विचारधारा मानते हैं. लेकिन प्रत्यक्ष रूप से आईएस की संलिप्तता नजर नहीं आ रही है.'
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इस बात का जिक्र जांच अधिकारी ने संसदीय समिति के सामने किया. समिति 21 अप्रैल की घटित आतंकवादी घटना का सुरक्षा और अन्वेषण में खामियों का निगरानी कर रही है.
नेशनल तौहिद जमात (एनटीजे) आतंकवादी समूह का ईस्टर हमले में हाथ था. इस विस्फोट के दो दिन के बाद आईएसआईएल ने जिम्मेदारी ली थी.
एनटीजे मुखिया जहरान हाशिम ने एक वीडियो अपने साथियों के साथ बनाया था. इसमें वह आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवंट) सरगना अबू-बकर-अल-बगदादी से प्रभावित नजर आ रहा है. वीडियो को दो दिन बाद आईएसआईएल ने जारी किया था.
ध्यातव्य हो कि इस मामले में लापरवाही के कारण श्रीलंका के पूर्व पुलिस अध्यक्ष पूजीत जयसूर्या और पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो पर अपराधिक चार्ज चल रहा है. इन दोनों पर खुफिया जानकारियों को अनदेखा करने का आरोप है. इस कारण आतंकवादी संगठन अपनी योजना में सफल रहा था.
सीआईडी के दूसरे जांचकर्मी शानी अबय्सेकारा ने संसदीय समिति को बताया कि एनटीजे के अभी तक 105 किलोग्राम विस्फोटक विभिन्न जगहो से बरामद किया है. अगर हम इसपर रोक नहीं लगाते तो और भी काफी अधिक नुकसान हो सकता था.
श्रीलंकन सेना के अनुसार बहुत सारे नेशनल-तौहिद-जमात के आतंकवादी अपने साथी आतंकवादियों से मिलने भारत भी गए थे.