कोलंबो: श्रीलंका में चर्च पर हुए धमाकों के बाद सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी जारी है. अब सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसे लेकर हो सकता है विवाद बढ़े, राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने अपने आदेश में कहा है कि मुंह ढंक कर चलने वालों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सहयोग करना होगा.
सिरिसेना ने बुर्का सहित सभी ऐसे परिधानों पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान छिपाने के लिए इस्तेमाल कर सके.
आज से लागू होने वाले इस आदेश में कहा गया है कि ऐसे सभी परिधानों पर पाबंदी लगा दी गई है जिससे किसी की भी पहचान करने में परेशानी आए.
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने संसद से आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कानून बनाने के लिए तेजी लाने का आग्रह किया है.
उन्होंने एक बयान में कहा कि घरेलू आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए श्रीलंका में 1979 आतंकवाद विरोधी कानून बनाए गए थे. जबकि 2018 में आतंकवाद से निपटने के लिए संसद में एक नया विधेयक पेश किया गया था, लेकिन यह अभी भी समिति प्रभारी के पास लटका हुआ है.
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इससे पहले उन्होनें यह स्वीकार किया था कि कुछ कट्टरपंथियों को आईएसआईएस के साथ संबंध होने का कारण उनको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. क्योंकि देश में इस तरह की गतिविधियों से निपटना के लिए कोई कानून नहीं है.
जानकारी दे दें कि श्रीलंका से पहले डेनमार्क, फ्रांस ,बेल्जियम और नीदरलैंड्स में भी बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लग चुका है.