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श्रीलंका ने बुर्का समेत चेहरा ढंकने वाली हर चीज पर लगाया बैन

श्रीलंका ने वैसे परिधानों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसकी वजह से किसी की पहचान सुनिश्चित करने में दिक्कत होती है. यानि मुंह छिपाकर चलेंगे, तो सुलक्षा के लिहाज से आपको अपनी पहचान पुलिस के सामने बतानी होगी.

मैत्रीपाला सिरिसेना (फाइल फोटो)
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Published : Apr 29, 2019, 10:12 AM IST

कोलंबो: श्रीलंका में चर्च पर हुए धमाकों के बाद सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी जारी है. अब सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसे लेकर हो सकता है विवाद बढ़े, राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने अपने आदेश में कहा है कि मुंह ढंक कर चलने वालों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सहयोग करना होगा.

सिरिसेना ने बुर्का सहित सभी ऐसे परिधानों पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान छिपाने के लिए इस्तेमाल कर सके.

आज से लागू होने वाले इस आदेश में कहा गया है कि ऐसे सभी परिधानों पर पाबंदी लगा दी गई है जिससे किसी की भी पहचान करने में परेशानी आए.

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने संसद से आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कानून बनाने के लिए तेजी लाने का आग्रह किया है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि घरेलू आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए श्रीलंका में 1979 आतंकवाद विरोधी कानून बनाए गए थे. जबकि 2018 में आतंकवाद से निपटने के लिए संसद में एक नया विधेयक पेश किया गया था, लेकिन यह अभी भी समिति प्रभारी के पास लटका हुआ है.

पढे़ं - श्रीलंका ने ISIS से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया

इससे पहले उन्होनें यह स्वीकार किया था कि कुछ कट्टरपंथियों को आईएसआईएस के साथ संबंध होने का कारण उनको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. क्योंकि देश में इस तरह की गतिविधियों से निपटना के लिए कोई कानून नहीं है.

जानकारी दे दें कि श्रीलंका से पहले डेनमार्क, फ्रांस ,बेल्जियम और नीदरलैंड्स में भी बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लग चुका है.

कोलंबो: श्रीलंका में चर्च पर हुए धमाकों के बाद सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. आतंकियों के ठिकानों पर छापेमारी जारी है. अब सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसे लेकर हो सकता है विवाद बढ़े, राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने अपने आदेश में कहा है कि मुंह ढंक कर चलने वालों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सहयोग करना होगा.

सिरिसेना ने बुर्का सहित सभी ऐसे परिधानों पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान छिपाने के लिए इस्तेमाल कर सके.

आज से लागू होने वाले इस आदेश में कहा गया है कि ऐसे सभी परिधानों पर पाबंदी लगा दी गई है जिससे किसी की भी पहचान करने में परेशानी आए.

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने संसद से आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कानून बनाने के लिए तेजी लाने का आग्रह किया है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि घरेलू आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए श्रीलंका में 1979 आतंकवाद विरोधी कानून बनाए गए थे. जबकि 2018 में आतंकवाद से निपटने के लिए संसद में एक नया विधेयक पेश किया गया था, लेकिन यह अभी भी समिति प्रभारी के पास लटका हुआ है.

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इससे पहले उन्होनें यह स्वीकार किया था कि कुछ कट्टरपंथियों को आईएसआईएस के साथ संबंध होने का कारण उनको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. क्योंकि देश में इस तरह की गतिविधियों से निपटना के लिए कोई कानून नहीं है.

जानकारी दे दें कि श्रीलंका से पहले डेनमार्क, फ्रांस ,बेल्जियम और नीदरलैंड्स में भी बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लग चुका है.

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