कोलंबो : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को श्रीलंका में तमिल नेताओं के साथ मुलाकात की और राष्ट्रीय मेल-मिलाप के प्रयासों के तहत विकास एवं हस्तांतरण तथा प्रांतीय परिषदों की भूमिका के बारे में चर्चा की.
यह बैठक सत्तारूढ़ श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) के सहयोगियों द्वारा देश की प्रांतीय परिषद की व्यवस्था को समाप्त करने को लेकर जन अभियान शुरू करने की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
एसएलपीपी के सिंहली बहुल कट्टरपंथी 1987 में स्थापित प्रांतीय परिषद की व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त करने की वकालत कर रहे हैं. श्रीलंका में नौ प्रांतीय परिषद हैं.
बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, 'तिरू संपन्थन के नेतृत्व वाले टीएनए शिष्टमंडल से मुलाकात करके प्रसन्न हूं. विकास एवं हस्तांतरण तथा प्रांतीय परिषदों की भूमिका से जुड़े मुद्दों के बारे में चर्चा की.'
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Pleased to meet the TPA delegation. Appreciate their positive sentiments about our development programmes. This will remain an important facet of India's commitment. pic.twitter.com/IePV6iXZAv
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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गौरतलब है कि तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी है. जयशंकर ने तमिल प्रोग्रेसिव एलायंस के शिष्टमंडल से भी मुलाकात की.
उन्होंने ट्वीट किया, 'टीपीए शिष्टमंडल से मुलाकात कर प्रसन्न हूं. विकास कार्यक्रमों के बारे में उनकी सकारात्मक भावनाओं की सराहना करता हूं. यह भारत की प्रतिबद्धता का महत्वपूर्ण आयाम बना रहेगा.'
जयशंकर श्रीलंका की तीन दिनों की यात्रा (5-7 जनवरी) पर थे. नए साल में यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी.
बुधवार को जयशंकर ने एकजुट श्रीलंका के तहत अल्पसंख्यक तमिलों की आकांक्षाओं को सुनिश्चित करने की जरूरत बताई थी.
जयशंकर ने कहा था, 'क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों में भारत हमेशा श्रीलंका की एकता, स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति कटिबद्ध रहा है. श्रीलंका में मेल-मिलाप की प्रक्रिया के प्रति हमारा समर्थन चिरकालिक है तथा हम जातीय सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए एक समावेशी राजनीतिक दृष्टिकोण रखते हैं.'
उन्होंने कहा था, 'एक संगठित श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति एवं सम्मान की तमिल लोगों की उम्मीदों को पूरा करना खुद श्रीलंका के अपने हित में है. 13वें संविधान संशोधन सहित सार्थक अधिकार पर श्रीलंका सरकार द्वारा की गईं प्रतिबद्धताओं पर यह समान रूप से लागू होता है.'
उन्होंने यह भी कहा था कि इसके परिणामस्वरूप श्रीलंका की प्रगति और समृद्धि को भी निश्चित तौर पर मजबूती मिलेगी.
यात्रा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने श्रीलंका के मत्स्य मंत्री डगलस देवानंदा से भी मुलाकात की.
उन्होंने ट्वीट किया, 'मत्स्य मंत्री डगलस देवानंदा से सार्थक मुलाकात हुई. हाल के संयुक्त कार्य समूह सत्र की बैठक के बाद मत्स्य क्षेत्र में सहयोग की समीक्षा की. उनके साथ मिलकर काम करने को आशान्वित हूं.'
पढ़ें- तमिलों की उम्मीदों को पूरा करना खुद श्रीलंका के हित में है : जयशंकर
जयशंकर ने विपक्ष के नेता सजीथ प्रेमदासा से भी मुलाकात की और भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चर्चा की.
पूर्व प्रधानमंत्री और यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे के साथ बैठक के दौरान जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों को समर्थन देने के लिए उनकी सराहना की.
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Pleasure to catch up with former PM @RW_UNP. Appreciated his long-standing support for our bilateral relationship. pic.twitter.com/ZJ6nWJJcG9
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जयशंकर ने आवास एवं सामुदायिक आधारभूत संरचना राज्य मंत्री जीवन थोंडामन तथा ग्रामीण पिछड़ा क्षेत्र विकास तथा घरेलू पशुपालन प्रोत्साहन राज्य मंत्री सदाशिवम वियालेंदिरन से भी मुलाकात की.