अतामी (जापान) : जापान की राजधानी टोक्यो के दक्षिण पश्चिमी शहर में भारी बारिश के कारण भूस्खलन के बाद राहत एवं बचाव अभियान में सेना के करीब 1,000 से अधिक जवान (soldiers), दमकलकर्मी (firefighters) और पुलिसकर्मी जुटे हैं. भूस्खलन के बाद गाद के तेज प्रवाह में मकानों और कारों के बहने के कारण कम से कम दो लोगों की मौत हो गयी और करीब 20 लोग लापता हो गए. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.
जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा (Prime Minister Yoshihide Suga) ने पत्रकारों को बताया कि अतामी में 19 लोगों को बचाया गया है और 130 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. कैबिनेट की आपात बैठक के बाद उन्होंने बताया कि दो लोगों की मौत हुई है और दो व्यक्ति घायल हैं, जबकि अभी और लोगों के लापता होने की आशंका है. इससे पूर्व आपदा अधिकारियों ने बताया था कि 20 लोग लापता हैं लेकिन यह संख्या बढ़ भी सकती है.
सुगा ने बताया, 'क्षेत्र में अब भी भारी बारिश हो रही है. लेकिन इस कठिन परिस्थिति में भी राहत एवं बचाव अभियान जारी रहेगा.' उन्होंने स्थानीय लोगों से भूस्खलन की आशंका के मद्देनजर 'सतर्कता बरतने और सुरक्षित रहने' की अपील की. सुगा के अनुसार सैनिक, दमकलकर्मी और अन्य बचावकर्मी तटरक्षक की मदद से अतामी में सड़कों पर जमा गाद को साफ करने के काम में जुटे हैं और लोगों के फंसे होने या गाद में बहने की आशंका के मद्देनजर उन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. अभियान में ड्रोन की भी मदद ली जा रही है.
यह घटना पहाड़ से सटे क्षेत्र में हुई, जहां कुछ दिन पहले शुरू हुई भारी बारिश के कारण शनिवार तड़के भूस्खलन हुआ, जिससे पहाड़ से शहर की ओर अचानक गाद के तेज प्रवाह में कई मकान बह गए.
शिज़ुओका प्रांत में आपदा निवारण प्रभारी अधिकारी तातसुशी उएदा ने बताया कि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और ये दोनों महिलाएं हैं जो बहकर समुद्र में चली गयी थीं. तटरक्षकों ने उनके शव बरामद किए हैं. उएदा ने बताया कि जिन 10 लोगों को बचाया गया है, उनमें एक मामूली रूप से घायल है. अतामी में 121 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. भूस्खलन से प्रभावित इजुसान में कई आवासीय क्षेत्र, दुकानें और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं.
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शिज़ुओका के राज्यपाल हेइता कावाकात्सु ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रभावित क्षेत्र के ऊपर भूमि संबंधी गतिविधि ने आपदा में भूमिका निभाई हो सकती है.
प्रारंभिक ड्रोन निरीक्षण का हवाला देते हुए, कावाकात्सु ने कहा कि इस क्षेत्र में भारी मात्रा में मिट्टी जमा हो गई थी, जो सारी बह गई, हालांकि यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि क्या यह घटना इस आपदा का प्रत्यक्ष कारण थी.
कावाकात्सु ने कहा कि वह भूमि संबंधी गतिविधि की जांच करेंगे.
(पीटीआई भाषा)