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पाकिस्तान : बलूच नेताओं की अवैध हिरासत के खिलाफ प्रदर्शन

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा बलूच राजनीतिक नेताओं और बुद्धिजीवियों के अवैध अपहरण के खिलाफ रविवार को बलूचिस्तान और जर्मनी में प्रदर्शन हुए. 11 साल पहले डॉ दीन मोहम्मद बलूच के अपहरण का विरोध करने के लिए क्वेटा की सड़कों पर सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे. पढे़ं खबर विस्तार से...

Protests held against illegal detention of Baloch political leaders by Pak security agencies
प्रदर्शन
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Published : Jun 29, 2020, 8:55 AM IST

बर्लिन/क्वेटा : पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बलूच राजनीतिक नेताओं और बुद्धिजीवियों के अवैध अपहरण के खिलाफ बलूचिस्तान और जर्मनी में रविवार को प्रदर्शन हुए. बलूचिस्तान के क्वेटा शहर में वॉइस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स के गैर-सरकारी संगठन द्वारा प्रदर्शन किया गया.

प्रदर्शनकारियों ने डॉ दीन मोहम्मद बलूच और डॉ अकबर मर्री की रिहाई की मांग की गई. बताया जा रहा है कि 11 साल पहले डॉ दीन मोहम्मद बलूच के अपहरण का विरोध करने के लिए क्वेटा की सड़कों पर सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे.

डॉ दीन मोहम्मद की बेटी सम्मी दीन और मेहलाब दीन के साथ भारी संख्या में बलूच महिलाओं, पुरुषों और छात्रों ने प्रदर्शन में भाग लिया और डॉ दीन और डॉ अकबर और अन्य सभी लापता बलूच कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की.

प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी राज्य एजेंसियों द्वारा किए गए अपहरण, उत्पीड़न और मानव अधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया.

बलूच राष्ट्रीय आंदोलन की ओर से प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले असगर बलूच, दोस्तीन बलूच और अली बलूच ने कहा कि बलूच लोग 27 मार्च 1948 से मानवाधिकारों के उल्लंघन के सबसे खराब रूप का सामना कर रहे हैं और 'बर्बरता' अभी भी जारी है.

पढे़ं : चीन ने शुरू की विवादास्पद हांगकांग सुरक्षा विधेयक की समीक्षा

असगर ने कहा, 'हमने डॉ दीन जान की रिहाई के लिए कई प्रयास किए. आज का ऑनलाइन सोशल मीडिया अभियान उन्हीं प्रयासों में से एक है.

बर्लिन/क्वेटा : पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बलूच राजनीतिक नेताओं और बुद्धिजीवियों के अवैध अपहरण के खिलाफ बलूचिस्तान और जर्मनी में रविवार को प्रदर्शन हुए. बलूचिस्तान के क्वेटा शहर में वॉइस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स के गैर-सरकारी संगठन द्वारा प्रदर्शन किया गया.

प्रदर्शनकारियों ने डॉ दीन मोहम्मद बलूच और डॉ अकबर मर्री की रिहाई की मांग की गई. बताया जा रहा है कि 11 साल पहले डॉ दीन मोहम्मद बलूच के अपहरण का विरोध करने के लिए क्वेटा की सड़कों पर सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे.

डॉ दीन मोहम्मद की बेटी सम्मी दीन और मेहलाब दीन के साथ भारी संख्या में बलूच महिलाओं, पुरुषों और छात्रों ने प्रदर्शन में भाग लिया और डॉ दीन और डॉ अकबर और अन्य सभी लापता बलूच कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की.

प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी राज्य एजेंसियों द्वारा किए गए अपहरण, उत्पीड़न और मानव अधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया.

बलूच राष्ट्रीय आंदोलन की ओर से प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले असगर बलूच, दोस्तीन बलूच और अली बलूच ने कहा कि बलूच लोग 27 मार्च 1948 से मानवाधिकारों के उल्लंघन के सबसे खराब रूप का सामना कर रहे हैं और 'बर्बरता' अभी भी जारी है.

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असगर ने कहा, 'हमने डॉ दीन जान की रिहाई के लिए कई प्रयास किए. आज का ऑनलाइन सोशल मीडिया अभियान उन्हीं प्रयासों में से एक है.

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