इस्लामाबाद : पाकिस्तान में कोरोना वायरस महामारी से निबटने में हो रही घोर लापरवाहियों का स्वत: संज्ञान लेते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने मामले की सुनवाई की और इस दौरान इमरान खान के नेतृत्व वाली संघीय सरकार और प्रांतों की सरकारों को जमकर आड़े हाथ लिया. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई की.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीठ ने अदालत में सरकार का पक्ष रख रहे महान्यायवादी से कहा, 'आप ने (सरकार ने) कुछ नहीं (कोरोना से निपटने के लिए) किया है. मंत्रियों और सलाहकारों की फौज पर फौज है, लेकिन काम कुछ नहीं. सलाहकारों को केंद्रीय मंत्री का दर्जा दे दिया गया है. कथित रूप से भ्रष्ट लोगों को सलाहकार बना दिया गया है.'
इस पर महान्यायवादी ने पीठ से कहा, 'सर, आप ऐसा तो न कहें.'
जवाब में प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'मैंने कथित तौर पर भ्रष्ट कहा है.'
प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद ने कहा, 'कैबिनेट की भारी भरकम शक्ल देखें. 49 लोगों की क्या जरूरत है. सलाहकारों ने पूरी कैबिनेट पर कब्जा कर रखा है. इतनी बड़ी कैबिनेट का मतलब यह है कि प्रधानमंत्री कुछ जानता ही नहीं है.'
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अदालत ने मामले की सुनवाई 20 अप्रैल तक स्थगित करते हुए संघीय व प्रांतीय सरकारों को कोरोना से निबटने के लिए उठाए गए ठोस कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.