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'अंतरराष्ट्रीय समुदाय खुद को अफगानिस्तान के प्रति जिम्मेदारियों से 'मुक्त' नहीं कर सकता'

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान की हिमायत की है. इमरान ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में 20 साल के सैन्य हस्तक्षेप के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद को 'मुक्त' नहीं कर सकता है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
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Published : Sep 24, 2021, 10:27 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि युद्धग्रस्त देश में 20 साल के सैन्य हस्तक्षेप के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद को 'मुक्त' नहीं कर सकता है और उन्होंने उन्हीं देशों से काबुल के साथ संबंध कायम रखने का आग्रह किया है. मीडिया में शुक्रवार को आई एक खबर में यह बात कही गई.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने अमेरिका स्थित 'न्यूजवीक' पत्रिका के लिए प्रधानमंत्री के साक्षात्कार के हवाले से बताया कि खान ने कहा कि दशकों के युद्ध का अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था, समाज और राजनीति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय, उस देश में 20 साल के सैन्य हस्तक्षेप के बाद अफगान लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद को 'मुक्त' नहीं कर सकता है और उन्होंने उन्हीं देशों से काबुल के साथ जुड़े रहने का आग्रह किया है.

खान ने हालांकि चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान के साथ और वैश्विक व क्षेत्रीय शक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता बनी रहती है, तो इससे अफगानिस्तान को और अधिक पीड़ा और संघर्ष देखना पड़ सकता है.

उन्होंने कहा, 'इससे नए शरणार्थी बनेंगे, अफगानिस्तान से आतंकवाद का खतरा बढ़ेगा जो समूचे क्षेत्र को अस्थिर बनाएगा.' खान ने कहा कि पाकिस्तान नहीं चाहेगा कि अफगानिस्तान में और संघर्ष व अशांति हो.

उन्होंने दोहराया कि इस्लामाबाद को उम्मीद है कि देश 'मानवीय सहायता, आर्थिक सहायता, और संपर्क तथा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से स्थिर हो जाएगा, और अमेरिका, चीन तथा रूस सभी अफगानिस्तान में शांति व पुनर्निर्माण में योगदान देंगे.'

खान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका दोनों को अफगानिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद को रोकने की जरूरत है और इसे स्थिर करने के लिए सहयोग करना चाहिए.

उन्होंने कहा, इस उद्देश्य के लिए, हमें उस देश में मानवीय संकट को दूर करके और उसके आर्थिक सुधार का समर्थन करके अफगानिस्तान को स्थिर करने में मदद करने के लिए सहयोग करना चाहिए.

पढ़ें- तालिबान के नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान में नई हकीकत स्थापित : इमरान खान

खान ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिकी सशस्त्र बलों की अफरा-तफरी की स्थिति में वापसी का दीर्घकालिक रूप से वाशिंगटन की विश्वसनीयता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन 'अमेरिका में तत्काल नकारात्मक प्रभाव' हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि युद्धग्रस्त देश में 20 साल के सैन्य हस्तक्षेप के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद को 'मुक्त' नहीं कर सकता है और उन्होंने उन्हीं देशों से काबुल के साथ संबंध कायम रखने का आग्रह किया है. मीडिया में शुक्रवार को आई एक खबर में यह बात कही गई.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने अमेरिका स्थित 'न्यूजवीक' पत्रिका के लिए प्रधानमंत्री के साक्षात्कार के हवाले से बताया कि खान ने कहा कि दशकों के युद्ध का अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था, समाज और राजनीति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय, उस देश में 20 साल के सैन्य हस्तक्षेप के बाद अफगान लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद को 'मुक्त' नहीं कर सकता है और उन्होंने उन्हीं देशों से काबुल के साथ जुड़े रहने का आग्रह किया है.

खान ने हालांकि चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान के साथ और वैश्विक व क्षेत्रीय शक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता बनी रहती है, तो इससे अफगानिस्तान को और अधिक पीड़ा और संघर्ष देखना पड़ सकता है.

उन्होंने कहा, 'इससे नए शरणार्थी बनेंगे, अफगानिस्तान से आतंकवाद का खतरा बढ़ेगा जो समूचे क्षेत्र को अस्थिर बनाएगा.' खान ने कहा कि पाकिस्तान नहीं चाहेगा कि अफगानिस्तान में और संघर्ष व अशांति हो.

उन्होंने दोहराया कि इस्लामाबाद को उम्मीद है कि देश 'मानवीय सहायता, आर्थिक सहायता, और संपर्क तथा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से स्थिर हो जाएगा, और अमेरिका, चीन तथा रूस सभी अफगानिस्तान में शांति व पुनर्निर्माण में योगदान देंगे.'

खान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका दोनों को अफगानिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद को रोकने की जरूरत है और इसे स्थिर करने के लिए सहयोग करना चाहिए.

उन्होंने कहा, इस उद्देश्य के लिए, हमें उस देश में मानवीय संकट को दूर करके और उसके आर्थिक सुधार का समर्थन करके अफगानिस्तान को स्थिर करने में मदद करने के लिए सहयोग करना चाहिए.

पढ़ें- तालिबान के नियंत्रण के बाद अफगानिस्तान में नई हकीकत स्थापित : इमरान खान

खान ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिकी सशस्त्र बलों की अफरा-तफरी की स्थिति में वापसी का दीर्घकालिक रूप से वाशिंगटन की विश्वसनीयता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन 'अमेरिका में तत्काल नकारात्मक प्रभाव' हो सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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