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जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ PM मोदी की बैठक को पाक ने बताया 'नाटक'

पाकिस्तान ने फिर भारत के अंदरूनी मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. जम्मू-कश्मीर को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हुई सौहार्दपूर्ण वार्ता उसे पसंद नहीं आई. इसे लेकर दूसरे दिन ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी राय दे डाली.

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Published : Jun 26, 2021, 7:30 AM IST

शाह महमूद कुरैशी
शाह महमूद कुरैशी

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की जम्मू-कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के साथ बैठक को शुक्रवार को 'नाटक' और 'पीआर कवायद' बताया.

प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत की थी और उनसे कहा था कि केंद्र की प्राथमिकता वहां जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है.

कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर पर नई दिल्ली में हुयी उच्चस्तरीय बैठक (High level meeting on Jammu and Kashmir held in New Delhi) के एक दिन बाद कहा, मेरे विचार से यह एक नाटक था और यह नाटक क्यों था? क्योंकि इसे अधिक से अधिक जनसंपर्क कवायद कहा जा सकता है, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.

पढ़ें- यूके डेल्टा कोविड के मामले पिछले सप्ताह में 46 फीसदी बढ़े

कुरैशी ने कहा कि उस बैठक में कश्मीरी नेताओं ने 'एक स्वर से राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की.' उन्होंने कहा, नेताओं को उनकी मांग का कोई ठोस जवाब नहीं मिला और इसके बजाय कहा गया कि कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के बारे में उचित समय पर फैसला किया जाएगा, जो एक अस्पष्ट बयान है.

उन्होंने कहा कि ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेतृत्व को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था. कुरैशी ने दावा किया कि भारत कश्मीर में जनसांख्यिकीय बदलाव का प्रयास कर रहा है, जो पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव होंगे.

भारत के साथ परदे के पीछे की कूटनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, भारत के साथ ऐसा कोई संवाद नहीं चल रहा है, लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि खुफिया स्तर पर संपर्क हुआ है. उन्होंने कहा, कोई 'बैक-डोर चैनल' नहीं है, लेकिन खुफिया स्तर पर क्षेत्रीय स्थिति को लेकर संपर्क है, लेकिन कोई 'बैक-डोर चैनल' नहीं है.

(भाषा)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की जम्मू-कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के साथ बैठक को शुक्रवार को 'नाटक' और 'पीआर कवायद' बताया.

प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत की थी और उनसे कहा था कि केंद्र की प्राथमिकता वहां जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है.

कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर पर नई दिल्ली में हुयी उच्चस्तरीय बैठक (High level meeting on Jammu and Kashmir held in New Delhi) के एक दिन बाद कहा, मेरे विचार से यह एक नाटक था और यह नाटक क्यों था? क्योंकि इसे अधिक से अधिक जनसंपर्क कवायद कहा जा सकता है, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.

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कुरैशी ने कहा कि उस बैठक में कश्मीरी नेताओं ने 'एक स्वर से राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की.' उन्होंने कहा, नेताओं को उनकी मांग का कोई ठोस जवाब नहीं मिला और इसके बजाय कहा गया कि कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के बारे में उचित समय पर फैसला किया जाएगा, जो एक अस्पष्ट बयान है.

उन्होंने कहा कि ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेतृत्व को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था. कुरैशी ने दावा किया कि भारत कश्मीर में जनसांख्यिकीय बदलाव का प्रयास कर रहा है, जो पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव होंगे.

भारत के साथ परदे के पीछे की कूटनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, भारत के साथ ऐसा कोई संवाद नहीं चल रहा है, लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि खुफिया स्तर पर संपर्क हुआ है. उन्होंने कहा, कोई 'बैक-डोर चैनल' नहीं है, लेकिन खुफिया स्तर पर क्षेत्रीय स्थिति को लेकर संपर्क है, लेकिन कोई 'बैक-डोर चैनल' नहीं है.

(भाषा)

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