नई दिल्ली: आतंकियों को फंडिंग करने के कारण पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. वैश्विक निगरानी संस्था के एशिया प्रशांत समूह ने यह निर्णय लिया है. इसने शुक्रवार को पाक को एन्हांस्ड एक्पेडाइटेड फॉलोअप लिस्ट में डाल दिया है.
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के एशिया प्रशांत समूह ने भी पाक की ग्रेडिंग कम की है. इसने कहा है कि 40 मान्य पैमानों में से 32 में पाक फेल हो गया है. आतंकियों को वित्तीय मदद और मनी लॉन्ड्रिंग का मुख्य आरोप है. इसकी बैठक ऑस्ट्रेलिया के कैनबेरा में हुई थी.
भारतीय अधिकारियों ने भी इस सूची की पुष्टि की है.
आतंकियों की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर मुख्य रूप से 11 प्रभावी पैमानों में पाक को मात्र 10 नंबर मिला. पाकिस्तान 41 सदस्यीय कमेटी को किसी भी पैमाने पर संतुष्ट नहीं कर सका.
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अब पाकिस्तान के सामने अक्टूबर की बैठक को लेकर बड़ी चुनौती है. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स इस पर पैठक करेगा. इसने पाकिस्तान को 15 महीने का वक्त दिया है. अक्टूबर में यह अवधि खत्म हो रही है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान पर आतंकियों को फंडिग करने का ना सिर्फ आरोप है, बल्कि भारत ने कई सबूत दिए हैं. पाकिस्तान बार-बार झूठ बोलता है कि वह ऐसा नहीं कर रहा है.
किन कश्मीर और अफगानिस्तान में वह आतंकियों को भेजता रहा है.
भारत में सीमा पार से कई आतंकी पाक से प्रशिक्षित होकर आते हैं.
एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पाकिस्तान को लताड़ लगाई है. ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है. जो कर रहा है, वह कदम पर्याप्त नहीं हैं.
पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान को समर्थन कर रहा है.