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पाकिस्तान को एफएटीएफ ग्रे लिस्ट से निकालने में अमेरिकी मदद की उम्मीद - विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने उम्मीद जताई है कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलने की उसकी कोशिश का अगले महीने बीजिंग में होने वाली बैठक में अमेरिका समर्थन करेगा..

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इमरान, ट्रंप
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Published : Jan 20, 2020, 7:22 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 6:30 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकालने में मदद देने का अमेरिका से आग्रह किया है. एफएटीएफ वैश्विक धनशोधन और टेरर फाइनेंसिंग (आतंकवाद का वित्त पोषण) पर निगरानी रखती है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने शुक्रवार रात यहां एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलने की उसकी कोशिश का अगले महीने बीजिंग में होने वाली बैठक में अमेरिका समर्थन करेगा.

कुरेशी कहा, 'यह बैठक हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही अप्रैल में पेरिस में पूरक बैठक होगी, जिसमें वैश्विक संस्था यह निर्णय लेगी कि पाकिस्तान को इस सूची में रखना चाहिए या निकालना चाहिए.'

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में डाल दिया है, जो धनशोधन को खत्म करने में नाकाम रहे हैं और जहां आतंकवादी अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए अब भी धन कमा सकते हैं.

पाकिस्तान अगर अप्रैल तक इस सूची से नहीं निकला तो उसे ब्लैकलिस्ट (काली सूची) में डाल दिया जाएगा और उस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे, जैसे अभी ईरान पर लगे हैं.

अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे से शुक्रवार को लौटे कुरेशी ने वहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रॉबर्ट ओब्रायन समेत सरकार के प्रमुख मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की थी.

पाक विदेश मंत्री का आरोप - भारत चाहता है कि पाक FATF से ब्लैकलिस्ट हो जाए

कुरेशी ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिका से पाकिस्तान के लिए उसके यात्रा निर्देश की समीक्षा करने और यहां निवेश करने को बढ़ावा देने का आग्रह किया.

अमेरिकी ट्रैवल एडवाइजरी (यात्रा संबंधी दिशा-निर्देश) में पाकिस्तान अब भी ऐसा देश है, जहां की यात्रा करने से अमेरिकी नागरिकों को बचने की सलाह दी गई है..

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकालने में मदद देने का अमेरिका से आग्रह किया है. एफएटीएफ वैश्विक धनशोधन और टेरर फाइनेंसिंग (आतंकवाद का वित्त पोषण) पर निगरानी रखती है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने शुक्रवार रात यहां एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलने की उसकी कोशिश का अगले महीने बीजिंग में होने वाली बैठक में अमेरिका समर्थन करेगा.

कुरेशी कहा, 'यह बैठक हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही अप्रैल में पेरिस में पूरक बैठक होगी, जिसमें वैश्विक संस्था यह निर्णय लेगी कि पाकिस्तान को इस सूची में रखना चाहिए या निकालना चाहिए.'

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में डाल दिया है, जो धनशोधन को खत्म करने में नाकाम रहे हैं और जहां आतंकवादी अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए अब भी धन कमा सकते हैं.

पाकिस्तान अगर अप्रैल तक इस सूची से नहीं निकला तो उसे ब्लैकलिस्ट (काली सूची) में डाल दिया जाएगा और उस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे, जैसे अभी ईरान पर लगे हैं.

अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे से शुक्रवार को लौटे कुरेशी ने वहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रॉबर्ट ओब्रायन समेत सरकार के प्रमुख मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की थी.

पाक विदेश मंत्री का आरोप - भारत चाहता है कि पाक FATF से ब्लैकलिस्ट हो जाए

कुरेशी ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिका से पाकिस्तान के लिए उसके यात्रा निर्देश की समीक्षा करने और यहां निवेश करने को बढ़ावा देने का आग्रह किया.

अमेरिकी ट्रैवल एडवाइजरी (यात्रा संबंधी दिशा-निर्देश) में पाकिस्तान अब भी ऐसा देश है, जहां की यात्रा करने से अमेरिकी नागरिकों को बचने की सलाह दी गई है..

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पाकिस्तान की अमेरिका से अपील, उसे 'एफएटीएफ ग्रे लिस्ट' से निकाले

इस्लामाबाद, 20 जनवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान ने अमेरिका से उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकालने का आग्रह किया है. एफएटीएफ वैश्विक धनशोधन और टेरर फाइनेंसिंग (आतंकवाद का वित्त पोषण) पर निगरानी रखती है. 

डॉन न्यूज ने एक रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार रात यहां एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलने की उसकी कोशिश का अगले महीने बीजिंग में होने वाली बैठक में अमेरिका समर्थन करेगा.



उन्होंने कहा, 'यह बैठक हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही अप्रैल में पेरिस में पूरक बैठक होगी, जिसमें वैश्विक संस्था यह निर्णय लेगी कि पाकिस्तान को इस सूची में रखना चाहिए या निकालना चाहिए.'



एफएटीएफ ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में डाल दिया है जो धन शोधन को खत्म करने में नाकाम रहे हैं और जहां आतंकवादी अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए अभी भी धन कमा सकते हैं.



पाकिस्तान अगर अप्रैल तक इस सूची से नहीं निकला तो उसे ब्लैकलिस्ट (काली सूची) में डाल दिया जाएगा और उस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे, जैसे अभी ईरान पर लगे हैं.



शुक्रवार को तीन दिवसीय अमेरिका दौरा पूरा कर लौटे कुरैशी ने वहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रॉबर्ट ओब्रायन समेत सरकार के प्रमुख मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की थी.



कुरैशी ने अपनी समाचार ब्रीफिंग में अमेरिका से पाकिस्तान के लिए उसके यात्रा निर्देश की समीक्षा करने और यहां निवेश करने को बढ़ावा देने का आग्रह किया.



अमेरिकी ट्रैवल एडवाइजरी (यात्रा संबंधी दिशा-निर्देश) में पाकिस्तान अभी भी ऐसा देश है, आतंकवादी खतरों के कारण जहां की यात्रा करने से अमेरिकी नागरिकों को बचना चाहिए.


Conclusion:
Last Updated : Feb 17, 2020, 6:30 PM IST
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