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भारतीय मूल के मलेशियाई व्यक्ति को मौत की सजा से बचाने के लिए ऑनलाइन याचिका - उच्च न्यायालय और अपीलीय अदालत

सिंगापुर की चांगी जेल में भारतीय मूल के एक मलेशियाई व्यक्ति को मौत की सजा से बचाने के लिए 39,962 हस्ताक्षर किए गए. दरअसल, उसे 2010 में मादक पदार्थ की तस्करी के लिए दोषी ठहराया गया था. वहीं, उसने अपने बचाव में कहा था कि उसने यह अपराध दबाव में किया. इस व्यक्ति को मौत की सजा से बचाने के लिए ऑनलाइन याचिका दायर की गई थी.

ऑनलाइन याचिका
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Published : Nov 5, 2021, 11:57 AM IST

सिंगापुर : सिंगापुर की चांगी जेल में भारतीय मूल के एक मलेशियाई व्यक्ति को मौत की सजा से बचाने के लिए एक ऑनलाइन याचिका पर गुरुवार तक 39,962 हस्ताक्षर किए गए. दरअसल, उसे 2010 में मादक पदार्थ की तस्करी के लिए दोषी ठहराया गया था और उसने अपने बचाव में कहा था कि उसने यह अपराध दबाव में किया.

सिंगापुर के गृह मामलों के मंत्रालय ने बताया कि उच्च न्यायालय और अपीलीय अदालत ने कहा कि नागेंथ्रन के धर्मलिंगम को साफ तौर पर यह पता था कि जो उसने किया है वह अपराध है और उसने अपना कर्ज चुकाने के लिए सोचा-समझा खतरा मोल लिया. उच्च न्यायालय ने उसे 2010 में सिंगापुर में 42.72 ग्राम हेरोइन का आयात करने के जुर्म में मौत की सजा सुनायी थी. अपीलीय अदालत ने भी सजा बरकरार रखी थी. मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी.

पढ़ें : भारतीय नौकरानी से मारपीट में दोषी करार दंपत्ति की याचिका खारिज

मीडिया संगठनों की खबरों के हवाले से एक ऑनलाइन रिपोर्ट में कहा गया है कि नागेंथ्रन को 10 नवंबर को फांसी की सजा दी जाएगी. उसे मौत की सजा से बचाने के लिए ऑनलाइन याचिका 29 अक्टूबर को शुरू की गई. राष्ट्रपति के पास दया याचिका के समर्थन में 50,000 हस्ताक्षर होने की आवश्यकता है.

याचिका में कहा गया है कि दोषी को माफ कर देना चाहिए, क्योंकि उसने गवाही दी थी कि एक व्यक्ति ने उसे मादक पदार्थ की तस्करी के लिए मजबूर किया था और उसने उसकी प्रेमिका को मारने की धमकी दी थी.

(पीटीआई-भाषा)

सिंगापुर : सिंगापुर की चांगी जेल में भारतीय मूल के एक मलेशियाई व्यक्ति को मौत की सजा से बचाने के लिए एक ऑनलाइन याचिका पर गुरुवार तक 39,962 हस्ताक्षर किए गए. दरअसल, उसे 2010 में मादक पदार्थ की तस्करी के लिए दोषी ठहराया गया था और उसने अपने बचाव में कहा था कि उसने यह अपराध दबाव में किया.

सिंगापुर के गृह मामलों के मंत्रालय ने बताया कि उच्च न्यायालय और अपीलीय अदालत ने कहा कि नागेंथ्रन के धर्मलिंगम को साफ तौर पर यह पता था कि जो उसने किया है वह अपराध है और उसने अपना कर्ज चुकाने के लिए सोचा-समझा खतरा मोल लिया. उच्च न्यायालय ने उसे 2010 में सिंगापुर में 42.72 ग्राम हेरोइन का आयात करने के जुर्म में मौत की सजा सुनायी थी. अपीलीय अदालत ने भी सजा बरकरार रखी थी. मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी.

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मीडिया संगठनों की खबरों के हवाले से एक ऑनलाइन रिपोर्ट में कहा गया है कि नागेंथ्रन को 10 नवंबर को फांसी की सजा दी जाएगी. उसे मौत की सजा से बचाने के लिए ऑनलाइन याचिका 29 अक्टूबर को शुरू की गई. राष्ट्रपति के पास दया याचिका के समर्थन में 50,000 हस्ताक्षर होने की आवश्यकता है.

याचिका में कहा गया है कि दोषी को माफ कर देना चाहिए, क्योंकि उसने गवाही दी थी कि एक व्यक्ति ने उसे मादक पदार्थ की तस्करी के लिए मजबूर किया था और उसने उसकी प्रेमिका को मारने की धमकी दी थी.

(पीटीआई-भाषा)

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