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तालिबान का अब हिंसा जारी रखने का कोई कारण नहीं है : सुरक्षा सलाहकार

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद अब तालिबान के लिए अफगानिस्तान में हिंसा जारी रखने का कोई कारण नहीं बनता है. ये बात अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहीब ने शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर और ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ के साथ चर्चा के दौरान कही. उन्होंने कहा कि अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवाल के साथ अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर उन्होंने चर्चा की है. अगले कुछ दिनों में एक दल बनाया जाएगा जो अमेरिका और नाटो के साथ परिवर्तन की योजना पर काम करेगा.

अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहीब
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहीब
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Published : Apr 17, 2021, 12:35 AM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहीब ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद अब तालिबान के लिए अफगानिस्तान में हिंसा जारी रखने का कोई कारण नहीं बनता है.

सहयोग को लेकर विस्तृत खाका तैयार
मोहीब ने भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर और ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा कि अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवाल के साथ अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर उन्होंने चर्चा की है. अगले कुछ दिनों में एक दल बनाया जाएगा जो अमेरिका और नाटो के साथ परिवर्तन की योजना पर काम करेगा. उन्होंने कहा कि भविष्य के सहयोग को लेकर एक विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा.

पढ़ेंः अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद अफगानिस्तान को दोहरी शांति की जरूरत : जयशंकर

शांति कायम करने का अवसर
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि यह स्थिति अब नहीं रह गई है कि तालिबान हिंसा जारी रखें. मैं समझता हूं कि तालिबान के लिए अफगानिस्तान की सरकार के साथ वास्तव में शांति कायम करने और राजनीतिक समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनने का यही समय है.

हिंसा जारी रखने का कोई कारण नहीं
उन्होंने कहा कि बाइडेन की अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद जो बड़ी तस्वीर उभरी है. उसके बाद अब तालिबान के लिए अफगानिस्तान में हिंसा जारी रखने का कोई कारण नहीं बनता है.

अमेरिका के 2000 से अधिक जवानों की मौत
गौरतलब है कि एक महत्वपूर्ण घोषणा में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को घोषणा की थी कि अमेरिकी सैनिक 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से लौट जाएंगे. यह दिन साल 2001 में अमेरिका पर 9/11 अतंकी हमले की बरसी है. अल कायदा द्वारा आतंकी हमले के बाद साल 2001 के बाद से शुरू अभियान में अमेरिका के 2000 से अधिक जवान मारे जा चुके हैं.

अमेरिकी सैनिकों की वापसी बड़ा अवसर
मोहीब ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी देश की सुरक्षा स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण लेने का एक बड़ा अवसर होगी. अफगानिस्तान को जमीन पर अमेरिकी सैनिकों की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें अफगान सुरक्षा बलों को समर्थन की जरूरत है. हमें आश्वस्त किया गया है कि यह जारी रहेगा.

पढ़ेंः अफगान NSA को तालिबान के रुख में है बदलाव का इंतजार

हर मोर्चे पर हार रहा है तालिबान
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि तालिबान हर मोर्चे पर हार रहा है. यदि वे इस उपलब्ध अवसर का लाभ नहीं उठाते हैं तो यह भूल होगी.

बदलाव का नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं राष्ट्रपति
अफगानिस्तान में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों के संदर्भ में मोहीब ने कहा कि यह केवल अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी की बात ही नहीं है, बल्कि विदेशी लड़ाकों की वापसी की भी बात है जिसके साथ तालिबान काम कर रहे हैं और जो इस देश में विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी बदलाव का नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति होंगे.

शांति और स्थिरता में योगदान नहीं
दूसरी ओर, ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि अमेरिका की अंतत: अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा और प्रतिबद्धता सकारात्मक कदम है. इसे क्षेत्र की उस वास्तविकता के आलोक में देखा जाना चाहिए कि विदेशी बलों की उपस्थिति ने कभी भी शांति एवं स्थिरता में योगदान नहीं दिया.

यह भी पढ़ेंः अफगान विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ से एस जयशंकर की मुलाकात

तालिबान की शून्य को भरने की आकांक्षा
उन्होंने कहा कि तालिबान को अब अफगानिस्तान की सरकार, वहां के लोगों एवं देश के विभिन्न समूहों के साथ वार्ता शुरू कर देनी चाहिए. अब व्यापक संवाद होना चाहिए. परिणाम का इंतजार करना शून्य पैदा कर देगा और तालिबान की इस शून्य को भरने की आकांक्षा एक मुसीबत साबित होगी. जरीफ ने कहा कि यह अफगानिस्तान में नये युद्ध का आधार तैयार करेगी और इस क्षेत्र में हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते.

नई दिल्ली : अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहीब ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद अब तालिबान के लिए अफगानिस्तान में हिंसा जारी रखने का कोई कारण नहीं बनता है.

सहयोग को लेकर विस्तृत खाका तैयार
मोहीब ने भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर और ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ के साथ चर्चा के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा कि अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवाल के साथ अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर उन्होंने चर्चा की है. अगले कुछ दिनों में एक दल बनाया जाएगा जो अमेरिका और नाटो के साथ परिवर्तन की योजना पर काम करेगा. उन्होंने कहा कि भविष्य के सहयोग को लेकर एक विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा.

पढ़ेंः अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद अफगानिस्तान को दोहरी शांति की जरूरत : जयशंकर

शांति कायम करने का अवसर
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि यह स्थिति अब नहीं रह गई है कि तालिबान हिंसा जारी रखें. मैं समझता हूं कि तालिबान के लिए अफगानिस्तान की सरकार के साथ वास्तव में शांति कायम करने और राजनीतिक समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनने का यही समय है.

हिंसा जारी रखने का कोई कारण नहीं
उन्होंने कहा कि बाइडेन की अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद जो बड़ी तस्वीर उभरी है. उसके बाद अब तालिबान के लिए अफगानिस्तान में हिंसा जारी रखने का कोई कारण नहीं बनता है.

अमेरिका के 2000 से अधिक जवानों की मौत
गौरतलब है कि एक महत्वपूर्ण घोषणा में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को घोषणा की थी कि अमेरिकी सैनिक 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से लौट जाएंगे. यह दिन साल 2001 में अमेरिका पर 9/11 अतंकी हमले की बरसी है. अल कायदा द्वारा आतंकी हमले के बाद साल 2001 के बाद से शुरू अभियान में अमेरिका के 2000 से अधिक जवान मारे जा चुके हैं.

अमेरिकी सैनिकों की वापसी बड़ा अवसर
मोहीब ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी देश की सुरक्षा स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण लेने का एक बड़ा अवसर होगी. अफगानिस्तान को जमीन पर अमेरिकी सैनिकों की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें अफगान सुरक्षा बलों को समर्थन की जरूरत है. हमें आश्वस्त किया गया है कि यह जारी रहेगा.

पढ़ेंः अफगान NSA को तालिबान के रुख में है बदलाव का इंतजार

हर मोर्चे पर हार रहा है तालिबान
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि तालिबान हर मोर्चे पर हार रहा है. यदि वे इस उपलब्ध अवसर का लाभ नहीं उठाते हैं तो यह भूल होगी.

बदलाव का नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं राष्ट्रपति
अफगानिस्तान में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों के संदर्भ में मोहीब ने कहा कि यह केवल अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी की बात ही नहीं है, बल्कि विदेशी लड़ाकों की वापसी की भी बात है जिसके साथ तालिबान काम कर रहे हैं और जो इस देश में विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी बदलाव का नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति होंगे.

शांति और स्थिरता में योगदान नहीं
दूसरी ओर, ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि अमेरिका की अंतत: अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा और प्रतिबद्धता सकारात्मक कदम है. इसे क्षेत्र की उस वास्तविकता के आलोक में देखा जाना चाहिए कि विदेशी बलों की उपस्थिति ने कभी भी शांति एवं स्थिरता में योगदान नहीं दिया.

यह भी पढ़ेंः अफगान विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ से एस जयशंकर की मुलाकात

तालिबान की शून्य को भरने की आकांक्षा
उन्होंने कहा कि तालिबान को अब अफगानिस्तान की सरकार, वहां के लोगों एवं देश के विभिन्न समूहों के साथ वार्ता शुरू कर देनी चाहिए. अब व्यापक संवाद होना चाहिए. परिणाम का इंतजार करना शून्य पैदा कर देगा और तालिबान की इस शून्य को भरने की आकांक्षा एक मुसीबत साबित होगी. जरीफ ने कहा कि यह अफगानिस्तान में नये युद्ध का आधार तैयार करेगी और इस क्षेत्र में हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते.

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