नई दिल्ली: पाकिस्तान में करतारपुर गुरुद्वारे से जुड़े कॉरिडोर के निर्माण में कुछ रूकावटें सामने आ सकती हैं. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एक बैठक के दौरान भारत-पाक के बीच पुल निर्माण की सहमति नहीं बन सकी.
पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी करतारपुर गलियारा परियोजना में रुकावट की आशंका है. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच रावी खादर के ऊपर पुल निर्माण पर सहमति नहीं बन पाई है.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत ने रावी नदी पर पुल के निर्माण का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, पाकिस्तान ने इस पर असहमति जताई. असहमति के बाद करतारपुर कॉरिडोर के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए दोनों पक्षों ने अगली तारीख तय नहीं की है.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि सोमवार को करतारपुर में भारत और पाकिस्तान के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के दौरान, भारतीय पक्ष ने रावी में बाढ़ की संभावना का हवाला देते हुए एक किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण का विचार रखा था.
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खबरों के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने नदी में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई. हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि सड़क के चारों ओर बांध बनाया जा सकता है और बाढ़ के पानी से बचने के लिए सड़क का झुकाव ऊंचा रखा जाता है.
बता दें कि पाकिस्तान और भारत के विशेषज्ञों ने सोमवार को करतारपुर जीरो प्वाइंट पर गलियारे की कार्य प्रणाली पर चर्चा के लिए बैठक की. भारतीय समूह में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे.
पाकिस्तानी पक्ष का प्रतिनिधित्व संघीय जांच एजेंसी, सीमा शुल्क, निर्माण, पाकिस्तान रेंजर्स पंजाब और सर्वे ऑफ पाकिस्तान के अधिकारियों ने किया.
इससे पहले दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञों और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इसी स्थान पर अप्रैल में वार्ता की थी.
इससे पूर्व, मार्च की बैठक में दोनों पक्षों ने डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे में सीमा पर बाड़ एवं विकास कार्य के लिए अपनी-अपनी सरकारों को सर्वेक्षण एवं नक्शे मुहैया कराने का फैसला किया था.
(एजेंसी इनपुट)