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करतारपुर कॉरिडोर पर आशंका के बादल, भारत-PAK के बीच नहीं बनी सहमति - करतारपुर गुरुद्वारे से जुड़ी वार्ता

भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गुरुद्वारे से जुड़ी वार्ता अधर में लटक सकती है. सूत्रों के मुताबिक जीरो प्वाइंट पर हुई बैठक के दौरान पाक ने भारत के प्रस्ताव से असहमति जताई है. जानें क्या है पूरा मामला...

गुरुद्वारा साहिब
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Published : May 28, 2019, 9:48 PM IST

Updated : May 28, 2019, 10:19 PM IST

नई दिल्ली: पाकिस्तान में करतारपुर गुरुद्वारे से जुड़े कॉरिडोर के निर्माण में कुछ रूकावटें सामने आ सकती हैं. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एक बैठक के दौरान भारत-पाक के बीच पुल निर्माण की सहमति नहीं बन सकी.

पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी करतारपुर गलियारा परियोजना में रुकावट की आशंका है. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच रावी खादर के ऊपर पुल निर्माण पर सहमति नहीं बन पाई है.

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत ने रावी नदी पर पुल के निर्माण का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, पाकिस्तान ने इस पर असहमति जताई. असहमति के बाद करतारपुर कॉरिडोर के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए दोनों पक्षों ने अगली तारीख तय नहीं की है.

भारत और पाक वार्ता, बांध का निर्माण को लेकर नही जताई सहमति

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि सोमवार को करतारपुर में भारत और पाकिस्तान के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के दौरान, भारतीय पक्ष ने रावी में बाढ़ की संभावना का हवाला देते हुए एक किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण का विचार रखा था.

पढ़ें: गुरुनानक महल पर पाक ने जारी किया बयान, सिख समुदाय में गुस्सा

खबरों के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने नदी में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई. हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि सड़क के चारों ओर बांध बनाया जा सकता है और बाढ़ के पानी से बचने के लिए सड़क का झुकाव ऊंचा रखा जाता है.

बता दें कि पाकिस्तान और भारत के विशेषज्ञों ने सोमवार को करतारपुर जीरो प्वाइंट पर गलियारे की कार्य प्रणाली पर चर्चा के लिए बैठक की. भारतीय समूह में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे.

पाकिस्तानी पक्ष का प्रतिनिधित्व संघीय जांच एजेंसी, सीमा शुल्क, निर्माण, पाकिस्तान रेंजर्स पंजाब और सर्वे ऑफ पाकिस्तान के अधिकारियों ने किया.

इससे पहले दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञों और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इसी स्थान पर अप्रैल में वार्ता की थी.

इससे पूर्व, मार्च की बैठक में दोनों पक्षों ने डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे में सीमा पर बाड़ एवं विकास कार्य के लिए अपनी-अपनी सरकारों को सर्वेक्षण एवं नक्शे मुहैया कराने का फैसला किया था.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली: पाकिस्तान में करतारपुर गुरुद्वारे से जुड़े कॉरिडोर के निर्माण में कुछ रूकावटें सामने आ सकती हैं. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एक बैठक के दौरान भारत-पाक के बीच पुल निर्माण की सहमति नहीं बन सकी.

पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी करतारपुर गलियारा परियोजना में रुकावट की आशंका है. सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच रावी खादर के ऊपर पुल निर्माण पर सहमति नहीं बन पाई है.

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत ने रावी नदी पर पुल के निर्माण का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, पाकिस्तान ने इस पर असहमति जताई. असहमति के बाद करतारपुर कॉरिडोर के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए दोनों पक्षों ने अगली तारीख तय नहीं की है.

भारत और पाक वार्ता, बांध का निर्माण को लेकर नही जताई सहमति

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने पुष्टि की है कि सोमवार को करतारपुर में भारत और पाकिस्तान के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के दौरान, भारतीय पक्ष ने रावी में बाढ़ की संभावना का हवाला देते हुए एक किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण का विचार रखा था.

पढ़ें: गुरुनानक महल पर पाक ने जारी किया बयान, सिख समुदाय में गुस्सा

खबरों के अनुसार, भारतीय अधिकारियों ने नदी में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई. हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि सड़क के चारों ओर बांध बनाया जा सकता है और बाढ़ के पानी से बचने के लिए सड़क का झुकाव ऊंचा रखा जाता है.

बता दें कि पाकिस्तान और भारत के विशेषज्ञों ने सोमवार को करतारपुर जीरो प्वाइंट पर गलियारे की कार्य प्रणाली पर चर्चा के लिए बैठक की. भारतीय समूह में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे.

पाकिस्तानी पक्ष का प्रतिनिधित्व संघीय जांच एजेंसी, सीमा शुल्क, निर्माण, पाकिस्तान रेंजर्स पंजाब और सर्वे ऑफ पाकिस्तान के अधिकारियों ने किया.

इससे पहले दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञों और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इसी स्थान पर अप्रैल में वार्ता की थी.

इससे पूर्व, मार्च की बैठक में दोनों पक्षों ने डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे में सीमा पर बाड़ एवं विकास कार्य के लिए अपनी-अपनी सरकारों को सर्वेक्षण एवं नक्शे मुहैया कराने का फैसला किया था.

(एजेंसी इनपुट)

Intro:The highly anticipated Kartarpur talks between India and Pakistan have hit a roadblock once again. According to the sources at Ministry of External Affairs, both India and Pakistan delegations weren't able to reach consensus over the construction of bridge on Ravi river.


Body:The MEA sources have confirmed that during the delegation level meet between India and Pakistan which took place at the Kartarpur zero point on Monday, the Indian side came up with an idea of construction of a kilometre long bridge citing the possibility of floods in Ravi river.

This idea was rejected by the Pakistani side. Rather they suggested construction of dam around the road and inclination of the road could be kept high to avoid flood waters.





Conclusion:So far, no other date have been fixed by both sides to discuss the modalities of the Kartarpur Corridor.

Kartarpur Sahib, a holy place for the Sikh pilgrims is located four kms inside the Pakistan territory. The corridor will provide a visa free access to Sikh pilgrims. In the past, India has raised its objections over including pro-Khalistani leader Gopal Chawla in the 10-member Kartarpur Corridor committee.
Last Updated : May 28, 2019, 10:19 PM IST
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