काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को फौरी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने उनके विवादास्पद शपथ ग्रहण और सात मंत्रियों को फिर से नियुक्त करने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर मंगलवार को अंतरिम आदेश जारी करने से इंकार कर दिया. गौरतलब है कि ये सातों मंत्री सांसद नहीं हैं.
नेपाल के उच्चतम न्यायालय में सोमवार को चार रिट याचिकाएं दायर कर आग्रह किया गया कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को फिर से शपथ ग्रहण कराया जाए क्योंकि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्वारा पढ़े जा रहे शब्दों को नहीं दोहराकर उन्होंने राष्ट्रपति पद का अपमान किया है.
उच्चतम न्यायालय ने ओली के शपथ ग्रहण और सात मंत्रियों को फिर से नियुक्त करने पर अंतरिम आदेश जारी करने से इंकार कर दिया.
'काठमांडू पोस्ट' ने खबर दी कि उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद् कार्यालय से कहा है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण के बारे में 15 दिनों के अंदर लिखित जवाब दाखिल करें.
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उच्चतम न्यायालय के आदेश में कहा गया कि प्रतिवादियों के लिखित जवाब के बाद ही प्रधानमंत्री और मंत्रियों के शपथ ग्रहण पर अंतिम निर्णय किया जाएगा.
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन 'शीतल निवास' में ओली को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई थी.