काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच मतभेद खत्म हो गया है. नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने दोनों शीर्ष नेताओं के बीच अधिकारों के बंटवारे का समझौता कराके कई महीने से चल रहे विवाद को समाप्त कराया. इसी के साथ प्रधानमंत्री केपी ओली की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा टल गया है.
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (सीपीएन) के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा कि पार्टी की 13 सदस्यीय शक्तिशाली स्थाई समिति की बैठक बालूवतार में प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर हुई, जिसमें राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से नेपाल तथा भारत के बीच सीमा विवाद के समाधान का भी फैसला किया गया.
उन्होंने कहा कि बैठक में ओली और प्रचंड के बीच कार्य विभाजन तय किया गया. प्रचंड पूरे अधिकारों के साथ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रहेंगे तथा पार्टी मामलों को देखेंगे, वहीं ओली सरकार के मामलों पर ध्यान देंगे.
श्रेष्ठ ने कहा, 'पार्टी स्थापित दिशानिर्देशों के आधार पर चलेगी. हालांकि सरकार को राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर फैसला लेते समय पार्टी के भीतर परामर्श करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व सरकार के रोजाना के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा.
पार्टी के यूनिटी जनरल कन्वेंशन को अगले साल सात अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच काठमांडू में आयोजित करने का फैसला किया गया. पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति की बैठक 31 अक्टूबर को बुलाई जाएगी.
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बैठक में ओली और प्रचंड द्वारा सीपीएन में आंतरिक कलह को दूर करने के उद्देश्य से तैयार किए गए 15 पन्नों के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया.