टोक्यो : म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई लोग मारे गए है. नई सैन्य सरकार ने पत्रकारों को जेल में डाल दिया है. उधर, विश्व ने म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर की जा रही कार्रवाई की कड़ी निंदा की है.
प्रदर्शनकारियों का विरोध जारी है और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में इस सप्ताह में एक दिन में 38 प्रदर्शनकारी मारे गये थे. म्यांमार के साथ काम करने का लंबा अनुभव रखने वाले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के पूर्व राजदूत बिल रिचर्डसन ने कहा, हम संकट में हैं.
उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बहुत अधिक बलपूर्वक प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है, नहीं तो यह स्थिति पूरी अराजकता और हिंसा में बदल जाएगी. अमेरिका समेत विश्व की सरकारों ने सैन्य तख्तापलट की निंदा की है.
म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानेर बर्गनर ने कहा कि म्यांमार में सत्ता हथियाने वाले जनरलों ने संकेत दिया है कि वे नए प्रतिबंधों से डरते नहीं हैं.
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बर्गनर ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था कि एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद, उन्होंने म्यांमार की सेना को चेतावनी दी थी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और विश्वभर के देश 'कड़े कदम उठा सकते हैं.
उन्होंने कहा, उनका जवाब था कि हमारे लिए प्रतिबंध नई बात नहीं है, हमने पहले भी ऐसे प्रतिबंध झेले हैं.
गौरतलब है कि म्यांमार में सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट कर देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी. सेना का कहना है कि आंग सान सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह है कि वह व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही है.